इस साल होली में देसी पिचकारी उसे उड़ेंगे रंग, प्रदेश में नहीं बिकेंगे चीनी पिचकारी

होली का त्यौहार नजदीक है और सब लोग होली के त्यौहार की तैयारी में जुट गए हैं. होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है और रंगों के त्यौहार में बच्चों के लिए पिचकारी है बहुत मायने रखती है.

होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार कहा जाता है और कहा जाता है कि इस दिन दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं. सभी लोग होली की तैयारियां शुरू कर दिए हैं और ऐसे में लोग इस साल मध्यप्रदेश में देसी पिचकारी से रंग उड़ाएंगे.

इस साल होली में देसी पिचकारी उसे उड़ेंगे रंग, प्रदेश में नहीं बिकेंगे चीनी पिचकारी

बच्चे भी इस साल देसी पिचकारी का इस्तेमाल करेंगे क्योंकि चीनी पिचकारी का इस्तेमाल इस साल बिल्कुल भी नहीं किया जाएगा.

इस साल होली में देसी पिचकारी उसे उड़ेंगे रंग, प्रदेश में नहीं बिकेंगे चीनी पिचकारी

इस साल होली में देसी पिचकारी उसे उड़ेंगे रंग, प्रदेश में नहीं बिकेंगे चीनी पिचकारी

मध्यप्रदेश में देसी रंगों का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए रंग बनाने की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में काफी बड़ी संख्या में पिचकारी बनाने की तैयारियां की जा रही है साथ ही साथ रंगों को भी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।

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थोक कारोबारी नरेश चावला के अनुसार चीनी खिलौने का आयात पर सरकार की सख्ती के कारण पिचकारियों का आयात नहीं हुआ है। देश के खिलौना इंडस्ट्रीज ही पिचकारियों का निर्माण कर देशभर के बाजारों में आपूर्ति कर रहे हैं। खातीपुरा में दो पीढ़ियों से थोक कारोबार कर रहे लखन बालचंदानी के अनुसार वर्षों बाद ऐसी होली देखी जा रही है, जब पिचकारियां और रंग पूरी तरह स्वदेशी हैं।

हालांकि इस वर्ष थोक बाजार में कीमतों में 35 से 40 प्रतिशत की तेजी है। 15 दिन पहले ही दिल्ली और मुंबई के पिचकारी निर्माताओं ने माल कम होने की बात कहकर पुरानी बुकिंग निरस्त कर दी थी। अगले आर्डर के लिए वे 20 प्रतिशत दाम बढ़ाकर मांग रहे थे। फैक्ट्रियों की ओर से मांग की कमी बताने पर थोक बाजार में हड़बड़ाट है और पिचकारियों की किल्लत देखी जा रही है

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