कम समय में अमीर बना देगी आपको बाजरे की खेती,बाजरे की उन्नत खेती करने का तरीका
बाजरे को मोटे फसल के अंतर्गत रखा गया है और सबसे बड़ी बात है कि बाजरे की रोटी खाने से सेहत से जुड़े कई तरह के लाभ मिलते हैं. आपको बता दें कि आटे की रोटी के तुलना में बाजरे की रोटी ज्यादा सुपाच्य होती है.
राजस्थान हरियाणा पंजाब मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बाजरे की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. आपको बता दें कि बाजरे की खेती करके आप बहुत अमीर कम समय में बन सकते हैं.
बाजरे की खेती -हमारे देश में सबसे अधिक राजस्थान, गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होती है। इसके अलावा अन्य राज्यों जैसे- हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में भी इसकी खेती खूब होती है।
कम समय में अमीर बना देगी आपको बाजरे की खेती,बाजरे की उन्नत खेती करने का तरीका
बाजरे की खेती के लिए मिट्टी
बाजरे की खेती (bajara ki kheti) लगभग हर तरह के मिट्टी में की जाती है, मगर बलुई दोमट मिट्टी सबसे ज़्यादा उपयुक्त होता है। जलभराव वाले जमीन में इसकी खेती उपयुक्त नहीं होती है। पानी ज़्यादा दिनों तक भरे रहने से पौधों को रोग लग जाते हैं जिससे फसल बर्बाद हो जाते हैं। और पैदावार पर भी बुरा असर डालता है।
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बाजरा के लिए खेत की तैयारी
खरीफ का मौसम बाजरे की खेती (bajara ki kheti) के लिए उपयुक्त होता है। इसके लिए गर्मी के दिनों में ही खेत की जुताई कर उसमें से खरपतवार हटा लें। पहली जुताई में ही 2-3 टन गोबर की खाद प्रतिहेक्टर की दर से मिट्टी में मिला लें। बाजरे की अच्छी पैदावार के लिए एक बार मिट्टी पलटने वाली हल से जुताई करें। इसके बाद दो- तीन बार फिर से जुताई करें। दो-तीन बार जुताई करने के बाद खेतों में बुआई करें। जिस जगह पर आप खेती करने जा रहे हैं। अगर उस जगह पर दीमक और लट का प्रभाव है तो 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फॉस्फोरस अंतिम जुताई से पहले डाल दें।
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बीज और बुआई का समय
जिन क्षेत्रों में बारिश बहुत कम होती है, वहां मॉनसून शुरू होते ही बुआई कर देनी चाहिए। अगर आप उत्तर भारत में बाजरे की खेती (bajara ki kheti) करना चाहते हैं तो वहां इस खेती के लिए जुलाई का पहला सप्ताह अच्छा होता है। जुलाई के अंत में बुआई करने से 40 से 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर फसल का नुक़सान होता है। बुआई में 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का इस्तेमाल करें।