किसानों के लिए जरूरी खबर:आम की फसल के देखभाल के लिए अपना यह तरीके, वैज्ञानिकों ने दी सलाह

आम की फसल पेड़ों पर लग गई है और ऐसे में अब किसानों को चिंता सताने लगी है कि आम की फसल खराब ना हो जाए. आपको बता दें कि कई ऐसे कीड़े होते हैं जो कि आम की फसल को बर्बाद कर देते हैं.

ऐसे में किसानों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर किसान इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो हमेशा के लिए आम का फसल खराब हो जाएगा और पेड़ भी खराब हो जाएगा.

किसानों के लिए जरूरी खबर:आम की फसल के देखभाल के लिए अपना यह तरीके, वैज्ञानिकों ने दी सलाह

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  • आम की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मिट्टी दोमट मिट्टी है लेकिन सभी प्रकार की मिट्टियों में इसकी खेती संभव है। थोड़ी शुष्क या कड़ी मिट्टी हो तो उसमे भी आम का बगीचा लगाया जा सकता है।
  • वर्षा के मौसम में पानी इकट्ठा न हो इसका खास ख्याल रखा जाना चाहिए। साथ ही बेहतर जल निकास का प्रबंध भी होना चाहिए।
  • आंशिक रूप से सिंचाई का प्रबंध होना चाहिए। यदि संभव तो ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को ही बगीचे में इंस्टॉल करें। ताकि पेड़ की अधिक प्रभावी सिंचाई हो सके। बूंदा बांदी से की गई सिंचाई पेड़ को अधिक फायदा देती है।
  • ऐसे क्षेत्र का चयन करें जहां पुष्पन यानी मंजर के समय पानी बरसने की संभावना न्यूनतम हो, अन्यथा फसल पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
  • प्रदूषित वातावरण में आम की खेती प्रभावी नहीं है, यदि जमीन ईंट भट्टों या चिमनियों के पास है तो ऐसे में वहां खेती न करें। इससे फसल प्रभावित होंगी।

आम की बुआई कब करें?

  • आम की बुआई जून माह में करना सर्वोत्तम रहता है। हूं में 4 से 6 इंच वर्षा हो जाने के बाद गड्ढे तैयार कर लें। गड्ढे तैयार करने के बाद आम का रोपण करें। 
  • 15 जुलाई से लेकर 15 अगस्त के बीच आम का रोपण कभी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह संपूर्ण वर्षा का मौसम है। हमेशा संपूर्ण वर्षा के अवधि में आम की रोपाई को टालें।
  • यदि पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध हों, तो ऐसे में फरवरी मार्च के महीने में आप आम का रोपण कर सकते हैं। यह समय आप की रोपाई हेतु उपयुक्त है।

आम की बागवानी कैसे करें?

  • आम की बागवानी में ध्यान रहे रोपाई के बाद भी निम्न प्रक्रिया अनुसार खाद और उर्वरक पौधों में डालते रहें। हर वर्ष एक तय क्वांटिटी में पौधों को पोषक तत्व व उर्वरक पड़ना आवश्यक है।
  • आम के बाग लगाने हेतु रोपण प्रक्रिया से पूर्व ही जमीन की सफाई समुचित तरीके से करें। और जिस जिस जगहों पर पेड़ लगाने हैं। तय दूरी के अनुसार उसे रेखांकित कर लें।
  • आम के फलोद्यान में पौधों से पौधों की दूरी न्यूनतम 10 से 12 मीटर होना तो आवश्यक है।

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