अब कारों को मिलेगी सेफ्टी रेटिंग,15 दिसंबर से Bharat NCAP क्रैश टेस्ट शुरू होगा,3 दर्जन से अधिक कार रजिस्टर्ड
अब कारों को मिलेगी सेफ्टी रेटिंग,15 दिसंबर से Bharat NCAP क्रैश टेस्ट शुरू होगा भारत ने अपना कार सुरक्षा रेटिंग कार्यक्रम शुरू किया है, जिसे भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ( भारत NCAP) नाम दिया गया है। Bharat NCAP को बीते 1 अक्टूबर 2023 से आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया गया है।
कारों को मिलेगी सेफ्टी रेटिंग
इस प्रोग्राम के तहत भारत में बनी या आयातित कारों का क्रैश टेस्ट कर उन्हें परफॉर्मेंस के आधार पर 0 से 5 के बीच सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी। अब भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP या BNCAP) 15 दिसंबर 2023 से क्रैश टेस्ट शुरू करने जा रही है। आइये समझते हैं मामले से जुड़ी पूरी जानकारी को।
क्या है Bharat NCAP
भारत न्यू कार असिस्मेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) को केंद्रीय सड़क-परिवहन राज्यमंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल 22 अगस्त को दिल्ली में हुए इवेंट में लॉन्च किया था। ये भारत का अपना क्रैश टेस्ट सेफ्टी प्रोग्राम है, जिसके तहत वाहनों का परीक्षण किया जाएगा। अब भारत में बनने वाली कारों की टेस्टिंग इंडिया में ही होगी और क्रैश टेस्ट के लिए कंपनियों को अपने कार के नमूनों को विदेश भेजने की जरूरत नहीं होगी। भारत एनसीएपी क्रैश टेस्टिंग पहल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड एआईएस 197 का पालन करती है। इसमें एम1 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले वाहन शामिल हैं, जो आठ यात्रियों (चालक सहित) को ले जाने में सक्षम हैं और जिनका कुल वजन 3.5 टन से अधिक नहीं है।
टाटा मोटर्स रजिस्टर होने वाली पहली कंपनी
भारत में फिलहाल टॉप 4 कार कंपनियां हैं जो पहले क्रैश टेस्ट में भाग लेंगी। क्रैश टेस्ट के पहले बैच में टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियां भाग लेंगी। इनमें टाटा मोटर्स अपने मॉडलों को रजिस्टर कराने वाली पहली कंपनी है। अब तक ऑटोमेकर कंपनियों ने कारों के करीब 3 दर्जन से ज्यादा मॉडलों को टेस्ट के लिए रजिस्टर करा लिया है। फर्स्ट फेज में 30 से ज्यादा कारों का क्रैश टेस्ट किया जाएगा। आने वाले समय में दूसरे बैच में और भी कई कंपनियां भारत एनकैप में हिस्सा ले सकती हैं।
कैसे तय होगी रेटिंग
वाहन निर्माता अपने वाहनों को परीक्षण के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देंगे, जिससे कार खरीदारों को वाहन चुनने में आसानी होगी। क्रैश टेस्ट के लिए कोई भी कंपनी अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी मॉडल को टेस्ट कराने के लिए भेज सकती हैं। भारतीय परिस्थितियों के अनुसार तय नॉर्म्स पर एजेंसी कारों का क्रैश टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देगी। इस टेस्ट में कारों को 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी। 0 स्टार का मतलब अनसेफ और 5 स्टार का मतलब पूरी तरफ सेफ माना जाता है। भारत NCAP अनिवार्य नहीं है, ऐसे में ऑटोमोबाइकल कंपनियों के ऊपर है कि वे अपनी कारों की सेफ्टी रेटिंग के लिए क्रैश टेस्ट में हिस्सा लें या नहीं।