शलजम की खेती से किसानों की चमकेंगी किस्मत,जाने इसे करने का तरीका
शलजम की खेती से किसान अच्छा खासा पैसा कमा सकता है।इस सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है।इसकी मार्किट में डिमांड भी काफी ज्यादा रहती है।यह बहुत सी बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद होता है। इसमें खनिज और विटामिन की भरपूर मात्रा होने के कारण इम्युनिटी पावर बढ़ाने में भी मदद करता है।इसके चलते बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती हैं. भारत के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती अधिक ज्यादा की जाने लगी है। जानते है इसकी खेती से फायदे,
शलजम की खेती से किसानों की चमकेंगी किस्मत,जाने इसे करने का तरीका
खेती के लिए मिट्टी
शलजम की खेती के लिए बलुई या दोमट अथवा रेतीली मिट्टी में इसकी खेती की जा सकती है।शलजम की जड़ें भूमि के अंदर होती हैं,इसलिए इसे नर्म जमीन की आवशयकता होती है।यह ठंडी जलवायु वाली फसल मानी जाती है।
खेती की तैयारी
सबसे पहले इसकी खेती की जुताई करना जरुरी होता है।खेत को नदीन रहित और रोड़ियों रहित बना लीजिये। गाय का गला हुआ गोबर 60-80 क्विंटल प्रति एकड़ में डालने से खेती में फसल की पैदावार अच्छी होती है।और खेत की तैयारी के समय मिट्टी में अच्छी तरह मिला लीजिये।
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शलजम की किस्मे
पूसा स्वेती, पूसा कंचन, व्हाईट 4,रेड 4, शलजम एल- 1 और पंजाब सफेद आदि और यूरोपियन शीतोष्ण किस्में- गोल्डन, पर्पिल टाइप व्हाईट ग्लोब, स्नोबल, पूसा चन्द्रमा, पूसा स्वर्णिम, आदि प्रमुख है.
शलजम की खेती से लाभ
शलजम की खेती से किसानों की चमकेंगी किस्मत,जाने इसे करने का तरीका
इसमें न्यूट्रीएंट और विटामिन की जबरदस्त मात्रा होने के कारण इसे खाने से इम्युनिटी बढ़ती है। साथ ही इसकी फसल लगाने से किसान अच्छा-खासा पैसा कमा सकते है। शलजम की फसल खास तौर से सर्दी के मौसम करना ज्यादा अच्छा रहता है। इसको खाने में शामिल करने से हार्ट डिसीज, ब्लडप्रेशर और सूजन जैसी बीमारी के इलाज में यह बहुत ज्यादा लाभकारी होता है।