एक झटके में आप को अमीर बना देगी भिंडी की खेती, हर साल हो गए तीन से चार लाख की कमाई, जाने कैसे
आज के समय में लोगों का खेती के तरफ बहुत ज्यादा रुझान बढ़ गया है क्योंकि खेती से लोगों को मुनाफा बहुत ज्यादा होने लगा है.
आपको बता दें कि खेती के तरफ लगातार लोगों का रुझान इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि खेती से लोगों को बेहद फायदा होने लगा है और खेती से मिलने वाले फायदे के कारण लोग खेती में आजकल ज्यादा इंटरेस्ट दिखाने लगे.
बता दें कि भिंडी की खेती की भी मांग लगातार बढ़ती है क्योंकि भिंडी की खेती भी लोगों को आज के समय में अधिक अमीर बनाने लगी है.
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भिंडीकी बुवाई
भिंडी की बुआई के उन्नत किस्म के बीजों का चयन करें और बीजोपचार कर लें. बुवाई के समय लाइन से लाइन की दूरी कम से कम 40 से 45 सेमी. तक रखें. अगर खेत उपजाऊ और सिंचित है तो एक हैक्टेयर भूमि के लिये 2.5 से 3 किग्रा. बीजदर और असिंचित भूमि में 5 से 7 किग्रा बीजों के साथ बुवाई का काम करें. भिंडी की खेती के लिये नर्सरी तैयार करने की जरूरत नहीं होती, इसलिये बीजों को सीधा खेतों में बोयें और हल्की सिंचाई का काम करें.
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पोषण प्रबंधन
अच्छे उत्पादन के लिये जरूरी है कि फसल और मिट्टी को समय पर पोषण प्रदान किया जाये. भिंडी की फसल में पोषण प्रबंधन करने के लिये एक हैक्टेयर खेत में 15-20 टन गोबर की खाद और 80 किग्रा. नाइट्रोजन के साथ 60 किग्रा. पोटाश को मिलाकर खेत में डालें. ध्यान रखें कि नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई से पहले और आधी मात्रा 40 दिन बाद खेतों में डालनी चाहिये.
सिंचाई और खरपतवार
- वैसे तो भिंडी वर्षा आधारित फसल है, इसमें अलग से सिंचाई की जरूरत नहीं होती.
- फसल को पोषण और मिट्टी में नमी प्रदान करने के लिये बुवाई के 10-12 दिन बाद सिंचाई जरूर करें.
- बुवाई के 10-15 दिनों बाद खेतों में खरपतावार उग आते हैं, जो भिंडी के पौधों को बढ़ने से रोकते हैं.
- इसके लिये समय-समय पर निराई गुड़ाई करते रहें.
- खेतों में उगने वाले अनावश्यक पौधे और खरपतवारों को उखाड़कर जमीन में गाड़ देना चाहिये.
- कीट और बीमारियों की निगरानी करते रहें और इनकी रोकथाम के लिये जैविक कीटनाशकों का ही इस्तेमाल करें.
लागत और आमदनी
आमतौर भिंडी की खेती झारखंड, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में की जाती है. यहां के किसान चाहें तो 1 लाख रुपये की लागत के साथ भिंडी की फसल लगाकर 5 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसकी खेती से किसान को 3-4 लाख तक शुद्ध लाभ मिल जाता है.