Bank Account Limit:आज के डिजिटल युग में सेविंग अकाउंट (Saving Account) सिर्फ एक बैंक खाता नहीं रहा, बल्कि यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। चाहे ऑनलाइन शॉपिंग हो, बिजली-पानी का बिल भरना हो या सैलरी रिसीव करना — सेविंग अकाउंट हर जगह जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने सेविंग अकाउंट से संबंधित नकद लेन-देन की सीमा (Cash Limit) भी तय की हुई है?
यदि आप इस सीमा से अधिक ट्रांजैक्शन करते हैं, तो न सिर्फ बैंक की नजर में आ सकते हैं बल्कि आयकर विभाग (Income Tax Department) भी आप पर नजर रख सकता है।
Bank Account Limit: जानिए सेविंग अकाउंट में कितनी कैश लिमिट तय की गई है, RBI के नियम क्या कहते हैं

सेविंग अकाउंट की भूमिका क्या है
- पैसा सुरक्षित रखने का माध्यम
- ATM, UPI, नेटबैंकिंग से ट्रांजैक्शन में आसानी
- ब्याज अर्जित करना (Interest on savings)
- बिल भुगतान, निवेश और ऑटो डेबिट की सुविधा
हर व्यक्ति, चाहे वह नौकरीपेशा हो या व्यवसायी, सेविंग अकाउंट आज के समय में एक वित्तीय आवश्यकता बन चुका है।
Bank Account Limit क्या है RBI की कैश लिमिट
RBI के नियमों के अनुसार, नकद जमा और निकासी के कुछ नियम और सीमाएं तय की गई हैं ताकि धन शोधन (money laundering) और अघोषित आय को नियंत्रित किया जा सके।
सेविंग अकाउंट में नकद जमा की सीमा:
- एक वित्तीय वर्ष में यदि आप ₹10 लाख या उससे अधिक कैश में जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है।
- यह जानकारी SFT रिपोर्ट (Statement of Financial Transactions) के तहत दी जाती है।
नकद निकासी की सीमा:
- एक वित्तीय वर्ष में ₹1 करोड़ से अधिक की कैश निकासी करने पर आपको TDS (Tax Deducted at Source) देना पड़ सकता है।
- जिनका ITR फाइल नहीं है, उनके लिए यह सीमा ₹20 लाख सालाना है।
एक दिन में नकद लेन-देन:
- कई बैंक, जैसे SBI, ICICI, HDFC, आदि, एक दिन में नकद निकासी और जमा पर अलग-अलग सीमा तय करते हैं — ₹50,000 से ₹2 लाख तक।
- यदि यह सीमा पार होती है तो पैन कार्ड या आधार कार्ड देना जरूरी हो सकता है।
Bank Account Limit बैंक की नजर में कौन से ट्रांजैक्शन संदिग्ध माने जाते हैं?
- ₹2 लाख से अधिक का कैश डिपॉजिट
- ₹2 लाख से अधिक का नकद खर्च जैसे – ज्वेलरी, कार, होटल, शादी में पेमेंट आदि
- एक दिन में बार-बार छोटे अमाउंट जमा करना (structuring)
- भारी रकम बिना सोर्स के जमा करना
ऐसे ट्रांजैक्शन पर Income Tax Department सतर्क हो जाता है।
नियमों का पालन न करने पर क्या हो सकता है
- नोटिस मिल सकता है: यदि आप बार-बार कैश लिमिट को पार करते हैं और उसका स्पष्ट सोर्स नहीं बता पाते, तो IT डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है।
- पेनल्टी या जुर्माना लग सकता है
- TDS कटौती हो सकती है
- बैंक अकाउंट को अस्थायी रूप से फ्रीज भी किया जा सकता है
कैसे रखें अपने ट्रांजैक्शन को क्लीन
- जितना हो सके डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें
- बड़ी राशि के ट्रांजैक्शन में पैन नंबर अवश्य दें
- समय-समय पर ITR फाइल करें
- अपने सभी बैंक खातों का ट्रैक रखें
- अगर कैश ट्रांजैक्शन जरूरी है, तो उसका सोर्स और उद्देश्य दस्तावेजों के रूप में संजोकर रखें
Bank Account Limit:सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल करना आसान जरूर है, लेकिन इसके साथ जुड़ी नियमों और लिमिट्स की जानकारी होना भी जरूरी है। RBI और आयकर विभाग की गाइडलाइंस का पालन करके आप न सिर्फ कानूनी जटिलताओं से बच सकते हैं, बल्कि एक फाइनेंशियली स्मार्ट सिटीजन भी बन सकते हैं।