12/23/2024

Basmati Rice : ये 5 बाशमाती Basmati धान की खेती देती है बम्फर उत्पादन कम लागत में ज्यादा मुनाफा

Basmati Rice Basmati

Basmati

Basmati Rice : खरीफ फसलों की बुवाई का समय आने वाला है और किसान अपने खेतों को तैयार करने के काम में जुटे हुए हैं। खरीफ सीजन में किसान प्रमुखता से Basmatiधान की खेती (Paddy farming) करेंगे। धान में बासमती चावल (basmati rice) की बाजार में काफी मांग रहती है। इसकी सुगंध और स्वाद की वजह से लोग इस चावल को खाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके भाव भी बाजार में सामान्य धान से ज्यादा मिलते हैं। जो किसान बासमती धान की खेती करना चाहते हैं उन किसानों के लिए बासमती धान की कुछ किस्में ऐसी हैं जो कम लागत में अच्छी पैदावार देती हैं।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को धान की चुनिंदा टॉप 5 ऐसी किस्मों की जानकारी दे रहे हैं जिनकी खेती करके किसान काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं।  

पूसा 1401 (Pusa 1401)

बासमती धान की पूसा 1401 किस्म धान की अर्द्ध बौनी किस्म है जो 135 से 140 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 4-5 टन तक पैदावार मिल सकती है। Basmati इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सहयोग से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा तैयार किया गया है। यह किस्म उत्तर भारत के सिंचित क्षेत्रों के लिए अधिक उपयुक्त पाई गई है।  

पंत धान-12 (Pant Paddy-12)

पंत धान-12 बासमती की धान की उन्नत किस्म है। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से विकसित किया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये किस्म कम समय में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म अन्य बासमती किस्मों की तुलना में अधिक पैदावार देती है। इस किस्म को तैयार होने में करीब 110 से 115 दिन का समय लगता है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 7-8 टन तक उपज प्राप्त की जा सकती है।

पूसा सुगंध-5 (Pusa sugandh-5)

पूसा सुंगध 5 सिंचित अवस्था में खेती के लिए बेहतरीन किस्मों में से एक है। इस किस्म का दाना सुगंधित और अधिक लंबा होता है। बासमती धान की ये किस्म 125 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से करीब 60 से 70 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

पूसा 834 (pusa 834)

पूसा 834 बासमती धान की अधिक उपज देने वाली किस्म है। इस किस्म में झुलसा रोग का असर नहीं होता है। यह एक अर्द्ध बौनी किस्म है। इसका किस्म का पौधा तेज आंधी चलने पर भी नहीं गिरता है। ये बासमती धान की जल्द तैयार होने वाली किस्म है जो 125 से 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 6-7 टन धान की पैदावार प्राप्त की जा सकती है। धान की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है।

पूसा बासमती 1121 (Pusa Basmati 1121)

पूसा बासमती 112 Basmati Rice1 किस्म धान की अगेती किस्म है। इसका दाना लंबा, पतला और खाने में स्वादिष्ट होता है। यह किस्म 140 से 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से करीब 40 से 45 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

बासमती धान की अन्य उन्नत किस्में

उपरोक्त किस्मों के अलावा भी बासमती धान की कई उन्नत किस्में हैं जो अच्छा उत्पादन देती हैं, ये किस्म इस प्रकार से हैं

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बासमती 217, बासमती 370, टाइप 3 (देहरादूनी बासमती), पंजाब बासमती 1 (बउनी बासमती), पूसा बासमती 1, कस्तूरी, हरियाणा बासमती 1, माही सुगंधा, तरोरी बासमती (एचबीसी 19 / करनाल लोकल), रणबीर बासमती, बासमती 386, इम्प्रूव्ड पूसा बासमती 1 (पूसा 1460), पूसा बासमती 1121 (संशोधन के पश्चात्), वल्लभ बासमती 22, पंजाब बासमती 2, बासमती सीएसआर 30 (संशोधन के पश्चात्), मालवीय बासमती धन 10-9 (आईईटी 21669), वल्लभ बासमती 21 (आईईटी 19493), पूसा बासमती 1509 (आईईटी 21960), बासमती 564, वल्लभ बासमती 23, वल्लभ बासमती 24, पूसा बासमती 1609, पंत बासमती 1 (आईईटी 21665), पंत बासमती 2 (आईईटी 21953), पंजाब बासमती 3, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1728, पूसा बासमती 1718, पंजाब बासमती 4, पंजाब बासमती 5, हरियाणा बासमती 2 और पूसा बासमती 1692 आदि। 

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