12/23/2024

गरीब किसानो की सोई किस्मत जाग जाएंगी,होंगी बंपर पैदावार,जानें इसे करने का तरीका

गरीब किसानो की सोई किस्मत जाग जाएंगी

गरीब किसानो की सोई किस्मत जाग जाएंगी

गरीब किसानो की सोई किस्मत जाग जाएंगी,होंगी बंपर पैदावार मार्केट में बिकता है 700 से 800 रूपये किलो,जानिए कैसे करे खेती,लौंग एक मसाला है जिसका उपयोग सदियों से खाना पकाने और औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता रहा है। यह लौंग के पेड़ की सूखी हुई कलियाँ हैं,जो उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगता है। लौंग की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है,लेकिन इसके लिए सावधानीपूर्वक योजना और निष्पादन की आवश्यकता होती है। आइये जानते है कैसे करे इसकी खेती।

गरीब किसानो की सोई किस्मत जाग जाएंगी,होंगी बंपर पैदावार,जानें इसे करने का तरीका

लौंग की खेती: कैसी होनी चाहिए जलवायु और मिट्टी

Long Ki Kheti | लौंग की खेती के लिए सिंचाई

लौंग के पेड़ उष्णकटिबंधीय जलवायु में पनपते हैं, जहाँ तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस (68-86 डिग्री फ़ारेनहाइट) के बीच होता है। उन्हें अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है जो समृद्ध और अम्लीय हो।

लौंग की खेती: कैसे करे रोपण

लौंग के पेड़ बीज या कलमों से लगाए जा सकते हैं।बीज से उगाने में कई साल लग सकते हैं,इसलिए कलमों का उपयोग करना आम बात है। कलमों को एक स्वस्थ पेड़ से लिया जाता है और उन्हें मिट्टी में लगाया जाता है जहाँ वे जड़ें जमा सकते हैं।

लौंग की खेती: कैसे करे देखभाल

लौंग के पेड़ों को नियमित रूप से पानी,खाद और निराई की आवश्यकता होती है।उन्हें कीटों और रोगों से भी बचाने की आवश्यकता होती है।

यह भी पढ़े संतरे की खेती से किसानों की सोई किस्मत जाग जाएंगी,कम लागत में होंगी जबरदस्त पैदावार,जाने पूरी डिटेल

लौंग की खेती: कटाई

लौंग की कलियों को हाथ से काटा जाता है जब वे पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं लेकिन अभी भी बंद होती हैं। कलियों को तब सुखाया जाता है जब तक कि वे भूरे रंग की न हो जाएं।

लौंग की खेती: कितनी होती है उपज

गरीब किसानो की सोई किस्मत जाग जाएंगी,होंगी बंपर पैदावार,जानें इसे करने का तरीका

एक लौंग का पेड़ सालाना 10-15 किलोग्राम लौंग का उत्पादन कर सकता है।लौंग एक मूल्यवान मसाला है जिसकी अच्छी मांग है।लौंग की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *