September 15, 2024

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 : आंवले की खेती से काम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे, जाने कैसे !

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 : आंवले की खेती से काम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे, जाने कैसे !

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 : आंवले की खेती से काम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे, जाने कैसे !

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 : आंवले की खेती से काम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे, जाने कैसे ! इस मौसम में बाजार में आंवलें की आवक शुरू हो जाती है। आंवले से अचार, मुरब्बा, ज्यूस, कैंडी आदि उत्पाद बनाए जाते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी आंवले का इस्तेमाल काफी किया जाता है।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 : आंवले की खेती से काम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे, जाने कैसे !’

जैसे- आंवले का चूर्ण, च्यवनप्राश, तेल, साबुन आदि में इसे इस्तेमाल किया जाता है। बालों को मुलायम और काला रखने के लिए आंवले का इस्तेमाल रीठा के साथ किया जाता है। वहीं आंखों की रोशनी के लिए भी इसका सेवन अच्छा माना जाता है। आंवले के गुणों के कारण ही इसकी बाजार मांग भी काफी है।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले ताजा हो या सूखा दोनों रूपों में इसका इस्तेमाल सेहत के लिए लाभकारी होता है। यदि किसान इसकी सही तरीके से खेती करें तो इससे अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। पंतजलि, डाबर, बैधनाथ जैसी आयुर्वेदिक कंपनियां इसकी खरीद करती है। वहीं बाजार में भी इसके अच्छे भाव मिल जाते हैं। इस तरह इसकी खेती करके किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

आंवले के पेड़ की खास बात ये हैँ कि इसे एक बार लगाने के बाद ये 55 साल तक फल देता है यानि आप 55 साल तक इसके पेड़ से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको आंवले की खेती करने का सही तरीका और अधिक उत्पादन के लिए जरूरी बातों की जानकारी दे रहे हैं।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले में उपस्थित पोषक तत्व

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, आयरन और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइडेड और फास्फोरस पाया जाता है। आंवले के सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है।

आंवले के सेवन से एनीमिया की समस्या दूर होती है। यह आयरन की कमी को दूर करता है। इसे इम्यूनिटी क्षमता बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। ये आंखों, बालों, त्वचा और हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 कैसी मिटटी में की जाएँ आंवले की खेती

आंवले की खेती हर प्रकार की मिट्‌टी में की जा सकती है। बस इसके लिए जलभराव वाली मिट्‌टी नहीं होनी चाहिए। यदि खेत में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है तो इसकी खेती नहीं करें, क्योंकि जल की अधिकता से इसके पौधे नष्ट हो जाते हैं।

इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5-9.5 होना चाहिए।वैसे तो आंवले की खेती जुलाई से सितंबर के महीने में की जाती है। लेकिन इसकी खेती जनवरी से फरवरी महीने में भी की जा सकती है।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की उन्नत किस्में

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की उन्नत किस्मों की ही बुवाई करनी चाहिए ताकि फलों का आकार बड़ा प्राप्त हो। आंवले की उन्नत किस्मों में बनारसी, चकईया, फ्रान्सिस, कृष्णा (एन ए- 5),नरेन्द्र- 9 (एन ए- 9),कंचन (एन ए- 4),नरेन्द्र- 7 (एन ए- 7),नरेन्द्र- 10 (एन ए-10) किस्में प्रमुख है। आप अपनी सुविधा और क्षेत्रीय जलवायु के हिसाब से किस्म का चयन कर सकते हैं।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की खेती का सही तरीका

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की खेती के लिए सबसे पहले गड़‌ढे तैयार किए जाते हैं। गड्‌ढों की खुदाई 10 फीट x 10 फीट या 10 फीट x 15 फीट पर करनी चाहिए। पौधा लगाने के लिए 1 घन मीटर आकर के गड्ढे खोद लेना चाहिए। इसके बाद गड्‌ढों को 15 से 20 दिन के लिए खुला छोड़ देना चाहिए ताकि इसमें धूप लग सकें जिससे हानिकारक जीवाणु धूप के संपर्क में आकर नष्ट हो जाएं।

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INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 इसके बाद प्रत्येक गड्‌ढे में 20 किलोग्राम नीम की खली और 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर मिला देना चाहिए। गड्ढों को भरते समय 70 से 125 ग्राम क्लोरोपाईरीफास डस्ट भी भर देनी चाहिए। मई में इन गड्ढों में पानी भर देना चाहिए। वहीं गड्ढे भराई के 15 से 20 दिन बाद ही पौधे का रोपण किया जाना चाहिए।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की खेती में उर्वरक की मात्रा कितनी होनी चाहिए

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 खेत की तैयारी के समय मिट्टी में 10 किलो रूड़ी की खाद अच्छी तरह मिला देनी चाहिए। खेत में नाइट्रोजन 100 ग्राम, फासफोरस 50 ग्राम और पोटेशियम 100 ग्राम प्रति पौधा इस्तेमाल करना चाहिए। यह खाद एक वर्ष के पौधे को डालें और 10 साल तक खाद की मात्रा बढ़ते रहें।

फासफोरस की पूरी और पोटाशियम और नाइट्रोजन आधी मात्रा को जनवरी-फरवरी में शुरूआती खुराक के तौर पर डालें। बाकी की मात्रा अगस्त के महीने में डालनी चाहिए। बोरोन और ज़िंक सल्फेट 100-150 ग्राम, सोडियम की ज्यादा मात्रा वाली मिटटी में पौधे की आयु और सेहत के अनुसार डालनी चाहिए।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 कब करें सिंचाई

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले के पौधे को कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसके पौधे को बारिश और शरद ऋतु में सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़़ती है, लेकिन गर्मियों में नए स्थापित बागों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।

सिंचाई के लिए खारे पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। फल देने वाले बागानों में पहली सिंचाई खाद देने के तुरन्त बाद जनवरी-फरवरी में देनी चाहिए। फूल आने के समय (मध्य मार्च से मध्य अप्रैल तक) सिंचाई नहीं करनी चाहिए।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 अधिक मुनाफे के लिए आंवले के साथ कर सकते हैं इन फसलों की खेती

आंवले के साथ आप इसके सहयोगी फसलों की बुवाई कर सकते हैं। इसमें आपको इसके साथ ऐसी फसलें लगानी चाहिए जिन्हें कम पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में आंवले के साथ निम्नलिखित फसलों को लगाकर आप इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।आंवला के साथ बेर और मोठ या मूंग लगा सकते हैं।

आंवला के साथ अमरुद और उरद लगाई जा सकती है।आंवला के साथ बेर और फालसा (तीन पंक्ति खेती) की खेती की जा सकती है।आंवला के साथ ढ़ैचा और गेहूं या जौ की खेती की जा सकती है।आँवला के साथ ढ़ैचा और प्याज/लहसुन और मेथी या बैंगन लगाया जा सकता है।आंवला के ढैचा और जर्मन चमोमिल लगाया जा सकता है।

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INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 इसके अलावा तुलसी, कालमेघ, सतावर, सर्पगंधा एवं अश्वगंधा की सह फसली खेती के भी अच्छे नतीजे प्राप्त हुए हैं। कुछ फसलें, जैसे धान एवं बरसीम है। इन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए आंवला के साथ इस प्रकार की फसलें जो अधिक पानी चाहने वाली हो, उन्हें सह फसली फसलों के रूप में इसके साथ नहीं लगाना चाहिए।

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की खेती से कितना होगा मुनाफ़ा

INDIAN GOOSEBERRY FARMING 2024 आंवले की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। आंवले की रोपाई के बाद उसका पौधा 4-5 साल में फल देने लगता है। 8-9 साल के बाद एक पेड़़ हर साल औसतन 1 क्विंटल फल देता है।

बाजार में आंवले का फल प्रति किलो 15-20 रुपए में बिक जाता है। इस हिसाब से देखा जाएं तो किसान इसके एक पेड़़ से हर साल 1500 से 2000 रुपए की कमाई कर सकते हैं। यदि किसान इसके 400 पौधे लगाते हैं तो उनसे हर साल 6 से 8 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।

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