बेहद कम समय में आपको लाखों का मालिक बना देगी चाय की खेती,मार्केट में है इसका डिमांड,जाने खेती करने का तरीका

देश में खेती किसानी की काफी ज्यादा मांग बढ़ने लगी है. आपको बता दें कि आजकल लोग बिजनेस के साथ-साथ खेती भी करते हैं. कई ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ाई के साथ सब खेती पर ध्यान देते हैं क्योंकि खेती में अधिक मुनाफा होने लगा है.

चाय की खेती भी बड़े पैमाने पर देखी जाती है क्योंकि चाय की खेती में काफी ज्यादा फायदा देखने को मिलता है. चाय की खेती इतनी ज्यादा देखने को मिलती है कि आजकल लोग चाय की खेती अधिक करना पसंद करने लगे हैं.

बेहद कम समय में आपको लाखों का मालिक बना देगी चाय की खेती,मार्केट में है इसका डिमांड,जाने खेती करने का तरीका

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उपयुक्त मिट्टी

चाय की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि की जरूरत होती है. जल भराव वाली भूमि में इसकी खेती नही की जा सकती. क्योंकि जल भराव होने पर इसके पौधे बहुत जल्द खराब हो जाते हैं. भारत में इसको पहाड़ी राज्यों में ही उगाया जाता है. इसकी खेती के लिए हल्की अम्लीय भूमि का होना जरूरी है. इसके लिए भूमि का पी.एच. मान 5.4 से 6 के बीच होना चाहिए.

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जलवायु और तापमान

चाय का पौधा उष्णकटिबंधीय जलवायु का पौधा है. चाय की खेती के लिए गर्म मौसम के साथ साथ बारिश का होना जरूरी होता है. जिस जगह हमेशा बारिश का मौसम बना रहता है, वहां इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. इसके पौधे शुष्क और आद्र मौसम में अच्छे से विकास करते हैं. इसकी खेती के लिए छायादार जगह सबसे उपयुक्त होती है. क्योंकि छायादार जगह में इसके पौधे आसानी से विकास करते हैं. अचानक होने वाला मौसम परिवर्तन इसकी खेती के लिए नुकसानदायक होता है.

चाय के पौधे को शुरुआत में विकसित होने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है. उसके बाद इसके पौधे 20 से 30 डिग्री तापमान के बीच अच्छे से विकास करते हैं. इसके पौधे अधिकतम 35 और न्यूनतम 15 डिग्री तापमान को सहन कर सकते हैं. लेकिन इससे कम या ज्यादा तापमान होने पर इसके पौधे विकास करना बंद कर देते हैं.

उन्नत किस्में

चाय की कई किस्में हैं  जिन्हें भारत में कई जगहों पर उगाया जाता है. चाय के पौधों को बीज और कलम के माध्यम से तैयार कर उगाया जाता है.

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