केसर की खेती:सोने चांदी से भी ज्यादा महंगी बिकता है यह मसाला,इसकी खेती आपको कर देगी मालामाल
केसर की खेती करने से किसान बहुत ही जल्द अमीर हो सकते हैं जी हां केसर लाखों रुपए किलो बिकता है. आपको बता दें कि कश्मीर और कई जगह पर केसर की खेती की जाती है और यह के सरकार से महंगा बिकता है.
आज के समय में कई जिलों के किसान केसर की खेती करने लगे हैं और किसानों की मानें तो केसर की खेती करने से दोगुना से भी ज्यादा फायदा होता है. केसर की खेती रेतीली और दोमट मिट्टी में की जाती है क्योंकि रेतीली और दोमट मिट्टी केसर की खेती के लिए काफी अच्छी मानी जाती है.
केसर की खेती:सोने चांदी से भी ज्यादा महंगी बिकता है यह मसाला,इसकी खेती आपको कर देगी मालामाल
केसर की खेती करने के लिए आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि खेती करते वक्त आप के पौधों के पास अधिक पानी न जमा हो नहीं तो आप का पौधा खराब हो सकता है और मुनाफे की जगह आपको काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है.
केसर की खेती:सोने चांदी से भी ज्यादा महंगी बिकता है यह मसाला,इसकी खेती आपको कर देगी मालामाल
कैसा होता है केसर का पौधा / केसर की किस्में
केसर का पौधा (kesar ka podha) सुगंध देनेवाला बहुवर्षीय होता है और क्षुप 15 से 25 सेमी (आधा गज) ऊंचा, परंतु कांडहीन होता है। इसमें घास की तरह लंबे, पतले व नोकदार पत्ते निकलते हैं। जो संकरी, लंबी और नालीदार होती हैं। इनके बीच से पुष्पदंड निकलता है, जिस पर नीललोहित वर्ण के एकांकी अथवा एकाधिक पुष्प होते हैं।
अप्रजायी होने की वजह से इसमें बीज नहीं पाए जाते हैं। इसके पुष्प की शुष्क कुक्षियों को केसर, कुंकुम, जाफरान अथवा सैफ्रन कहते हैं। इसमें अकेले या 2 से 3 की संख्या में फूल निकलते हैं। इसके फूलों का रंग बैंगनी, नीला एवं सफेद होता है। ये फूल कीपनुमा आकार के होते हैं। इनके भीतर लाल या नारंगी रंग के तीन मादा भाग पाए जाते हैं। इस मादा भाग को वर्तिका (तन्तु) एवं वर्तिकाग्र कहते हैं। यही केसर कहलाता है।