12/23/2024

kheti Kisani 2024:कम लागत में मालामाल कर देंगी इमली की खेती,जानें इसे करने का तरीका

kheti Kisani 2024:कम लागत में मालामाल कर देंगी इमली की खेती

kheti Kisani 2024:कम लागत में मालामाल कर देंगी इमली की खेती

kheti Kisani 2024: कम लागत में मालामाल कर देंगी इमली की खेती,जानें इसे करने का तरीका महँगाई के इस दौर में कमाना है तगड़ा मुनाफा तो करे इमली की खेती आज के बदलते वक्त में इमली की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है. इसकी वजह ये है कि इसकी खेती में ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती है.साथ ही खेत को बार-बार तैयार करने की भी आवश्यकता नहीं होती है.इससे जुताई, निराई-गुड़ाई और गुड़ाई करने में लगने वाले खर्च की बचत हो जाती है. इस तरह से इसकी खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है.

kheti Kisani 2024:कम लागत में मालामाल कर देंगी इमली की खेती,जानें इसे करने का तरीका

इमली की खेती कैसे करें | Tamarind Farming in Hindi | इमली के फायदे और नुकसान

खासकर अगर झारखंड की बात करें, तो यहां के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में जाएं, तो आप देखेंगे कि ज्यादातर आदिवासी परिवारों के आंगन में एक-दो बड़े इमली के पेड़ जरूर दिखाई देते हैं. जिनसे साल में एक बार उन्हें आमदनी हो जाती है.इमली मार्च-अप्रैल महीने में पेड़ों पर पक कर तैयार हो जाती है, इसके बाद इसे तोड़कर बेचा जाता है. हालांकि इमली की खेती में अच्छी कमाई करने के लिए इसकी बीमारियों से बचाव बहुत जरूरी है. इसके लिए सही समय पर सिंचाई करना और जड़ों में मिट्टी चढ़ाना आवश्यक है. साथ ही इस पेड़ की जड़ों के पास उपयुक्त खाद डालना चाहिए और बीमारियों के प्रबंधन के लिए जड़ों के आसपास साफ-सफाई जैसे तरीके अपनाने चाहिए. इसके अलावा इमली के पेड़ में कीट नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए,क्योंकि इससे ही इमली के फलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है.

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इमली की खेती कैसे करें

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Tamarind Benefits: खट्टी-मीठी इमली खाने के फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान,  जानिए उपयोग के तरीके

भारत में इमली की खेती झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में की जाती है.इन राज्यों की जलवायु इमली की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है क्योंकि इमली की खेती के लिए तापमान 25-30 डिग्री के बीच होना चाहिए.इमली के पेड़ की खासियत ये है कि यह गर्म हवा और लू से प्रभावित नहीं होता है.लेकिन पौधों को ठंड के कारण नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए सर्दियों के मौसम में इमली के पेड़ों का खास ध्यान रखना चाहिए.इमली की खेती करने के लिए खेत की गहरी जुताई करें.इसके बाद एक फीट गहरा और चौड़ा गड्ढा खोदें. उसमे गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट भरकर सिंचाई करें. फिर उस गड्ढे में इमली के बीज या पौधे लगा दें.

एक पेड़ से कितनी पैदावार

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Imli Side Effects: इमली के कई फायदों के साथ सेहत को हो सकते है ये नुकसान,  जानें इसके साइड इफेक्ट्स | Side Effects of Tamarind Imli khane ke nuksan |  Patrika News

इमली का पौधा किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है लेकिन जून और जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए लाल, काली और दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है.इसकी खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 होना चाहिए. उचित खाद और सिंचाई के साथ, एक इमली के पेड़ से सालाना दो से ढाई क्विंटल इमली की फलत मिल सकती है. जिसे बाद में खट्टे के रूप में बेचा जाता है.

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