12/23/2024

किसानों को कम लागत में होंगा बंपर मुनाफा सोयाबीन की खेती से,जानें इसे करने की पुरी जानकारी

किसानों को कम लागत में होंगा बंपर मुनाफा सोयाबीन की खेती से,

किसानों को कम लागत में होंगा बंपर मुनाफा सोयाबीन की खेती से,

किसानों को कम लागत में होंगा बंपर मुनाफा सोयाबीन की खेती से,जानें इसे करने की पुरी जानकारी आगामी खरीफ सीजन की बुवाई का समय निकट आ रहा है। खरीफ सीजन में मुख्य रूप से किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल बोई जाती है। इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को उचित सलाह दी गई है।

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बुवाई का सही समय

किसानों को सलाह दी गई है कि बारिश आने के बाद सोयाबीन की बुवाई का उपयुक्त समय मध्य जून से जुलाई के पहले सप्ताह तक होता है। नियमित मानसून के बाद खेतों में लगभग चार इंच बारिश होने के बाद किसानों को बुवाई करनी चाहिए। मानसून पूर्व बारिश के आधार पर बुवाई करने से सूखे का लंबा अंतराल पड़ने पर फसल को नुकसान हो सकता है। इसलिए, आइए जानते हैं कि किसानों को किन बातों का ध्यान रखना है।

सिर्फ 70% अंकुरित बीज ही बोएं

कृषि विभाग और कृषि कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान अपने पास उपलब्ध बीजों के अंकुरण की जांच करें और बुवाई के लिए कम से कम 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाले बीज ही रखें। यदि किसान कहीं से उन्नत बीज लाते हैं, तो किसी विश्वसनीय संस्थान/संस्थान से बीज खरीदें। साथ ही, एक पुष्ट बिल लें और घर पर स्वयं भी अंकुरण का परीक्षण करें।

दो से तीन किस्मों की बुवाई करें

किसानों को अपनी भूमि के हिसाब से कम से कम दो-तीन किस्मों की बुवाई करनी चाहिए। जेएस 95-60, जेएस 93-05, जेएस 20-34 जैसी किस्में, नई किस्में जैसे आरवीएसएस-2011-35, जेएस 2172, एनआरसी-138, एनआरसी-127, 142, 150, 152, जेएस 20-29 और आरवीएस-2001-04, एनआरसी-86, जेएस 9752 मुख्य हैं।

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बीज का उपचार जरूर करें

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कृषि विभाग ने किसानों को बुवाई से पहले बीज उपचार करने की सलाह दी है। बीज उपचार हमेशा एफआईआर क्रम में करना चाहिए। इसके लिए बीजों को जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 ग्राम/किग्रा बीज या फफूंदनाशक थीरम + कार्बोक्सिम आदि से उपचारित करें। जहां पिछले साल पीली मोज़ेक की समस्या थी, वहां खेत का उपचार पीली मोज़ेक रोग को रोकने के लिए अनुशंसित कीटनाशक थियामेथोक्साम 30 एफएस या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस से करें। इसके बाद, जैव उर्वरक का प्रयोग अवश्य करें।

ऊठी क्यारी विधि से बुवाई करें

किसानों को 75-80 किग्रा/हेक्टेयर की दर से उन्नत किस्मों के बीजों की बुवाई करनी चाहिए। एक हेक्टेयर में लगभग 4.50 लाख पौधे होने चाहिए। कतारों के बीच की दूरी कम से कम 14-18 इंच के आसपास रखें।पिछले साल अत्यधिक बारिश के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई थी। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हो सके तो ऊठी क्यारी विधि से फसल की बुवाई करें।इस विधि से फसल की बुवाई करने से कम और ज्यादा दोनों तरह की बारिश की स्थिति में फसल को नुकसान नहीं पहुंचता है।

पोषक तत्व और उर्वरक की यह मात्रा दें

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सोयाबीन फसल को सूखे से बचाने के लिए किसान ये करें

किसानों को क्रमशः 25:60:40:20 किग्रा/हेक्टेयर की दर से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए निम्न उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता है-

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