लखनऊ का ऐसा प्राचीन मंदिर जिसमे स्वर्ग और नर्क दोनों के हो सकते है दर्शन,जाने इस मंदिर की गाथाओ के बारे में
लखनऊ का ऐसा प्राचीन मंदिर जिसमे स्वर्ग और नर्क दोनों के हो सकते है दर्शन,जाने इस मंदिर की गाथाओ के बारे में,लखनऊ का प्राचीन मंदिर के बहुत बड़े -बड़े गुणगान सुने ही होंगे आखिर क्या ये बात सच होगी हमे जीते जी स्वर्ग और नर्क के दर्शन करने को मिल रहे है तो देर किस बात की है जल्द जाने डिटेल और निकलिए दर्शन के लिए!
लखनऊ का ऐसा प्राचीन मंदिर जिसमे स्वर्ग और नर्क के होते है दर्शन
लखनऊ का ऐसा प्राचीन मंदिर जिसमे स्वर्ग और नर्क दोनों के हो सकते है दर्शन,जाने इस मंदिर की गाथाओ के बारे में
लखनऊ में इस मंदिर स्थापना 1921 में की गयी
इस मंदिर की स्थापना 1921 से पहले की गई थी. उसी वक्त सबसे पहली रथ यात्रा निकाली गई थी. इस मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी ने बताया कि इस मंदिर में रामेश्वरम से पहले रथ यात्रा की शुरुआत होती है. यही नहीं, रामेश्वरम के दर्शन करने के बाद रामसेतु भी बनाया गया है, जिस पर चढ़कर भक्त लंका पहुंचते हैं और फिर रावण दरबार दिखाई देता है. इसके बाद आगे की ओर स्वर्ग लोक बन हुआ है, जहां पर लोगों को स्वर्ग की सीढ़ी के दर्शन करने के मौके मिलते हैं.
Read Also: Employees Promotion 2023:इन कर्मचारियों को मिला प्रमोशन का तोहफा, बढ़ेगी सैलरी,आदेश जारी
मंदिर की ख़ास बाते
इसके अलावा इस स्वर्ग लोक में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का दरबार विराजमान है. इसके बाद जब आप मंदिर में ऊपर की ओर बढ़ेंगे तो जगन्नाथ पुरी के दर्शन होते हैं. उनके ऊपर द्वारकाधीश और आगे बद्रीनाथ भगवान विराजमान हैं. इस मंदिर में चारों धामों की जो खासियत है, उसका विशेष ध्यान रखते हुए ही बनाया गया है, ताकि यहां पर आने के बाद भक्तों को बिल्कुल उसी तरह चारों धामों के दर्शन हों जैसा दृश्य असली चारों धामों में है. पुजारी ने बताया कि जो गरीब लोग चारों धाम नहीं जा सकते, वह इस मंदिर में आकर चारों धामों के दर्शन कर सकते हैं.
जाने इस मंदिर की गाथाओ के बारे में
भगवान कल्कि का अवतार के दर्शनो की इच्छा को करे पूर्ण
शास्त्रों के मुताबिक, कलयुग में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होगा. इस मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों के साथ ही कल्कि अवतार की मूर्ति भी तैयार की जा रही है. हालांकि अभी उनका घोड़ा तैयार किया गया है. इसके साथ ही इस मंदिर में दक्षिण मुखी हनुमान, काशी के बाबा भैरव और राम दरबार के साथ ही महालक्ष्मी मंदिर भी है.
जानें ये खास बात
इस मंदिर की स्थापना स्वर्गीय कुंदन लाल कुंज बिहारी ने कराई थी. वर्तमान में उनकी छठी पीढ़ी एसएन सक्सेना इस मंदिर की देखरेख करते हैं. यह मंदिर सुबह 5:30 बजे खुल जाता है, तो दोपहर में 1 बजे बंद हो जाता है. फिर 4 बजे खुलता है और करीब रात में 10 बजे बंद हो जाता है. मंदिर में आरती का समय 7:30 बजे का है.