MP में मिला पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति के इस जानवर की कीमत है भयंकर इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ रही डिमांड
MP में मिला पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति के इस जानवर की कीमत है भयंकर इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ रही डिमांड, बताया जा रहा है कि इस ‘पैंगोलिन’ का इस्तेमाल मेडिसिन बनाने में किया जाता है, जिससे इसकी अच्छी डिमांड होती है। हालांकि इस ‘पैंगोलिन’ को पकड़कर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है।
MP में मिला पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति के इस जानवर की कीमत जान उड़ेंगे होश
MP में मिला पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति के इस जानवर की कीमत है भयंकर इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ रही डिमांड
टीकमगढ़ जिले में मिला यह ‘पैंगोलिन’( This ‘pangolin’ was found in Tikamgarh district)
दरअसल, विलुप्त प्रजाति का यह ‘पैंगोलिन’ मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में मिला है, बल्देवगढ़ तहसील के रमपुरा गांव से पैंगोलिन जिसे हिंदी में वज्रशल्क भी कहते हैं का रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया। जानकारों ने बताया कि इस पैंगोलिन का इस्तेमाल ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में इस्तेमाल होता है, जिससे इंटरनेशनल मार्केट में भी इसी तस्करी होती है।
इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ रही डिमांड
करोड़ों रुपए में कीमत ( Price in crores)
अलग अलग नामों से जाने जाने वाले इस दुर्लभ प्रजाति के जीव की इंटरनेशनल मार्केट में इस पैंगोलिन की कीमत करोड़ों रुपए में हैं, यही वजह है कि इसी बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तस्करी की जाती है, गहरे-भूरे या पीले-भूरे रंग के दुर्लभ प्रजाति के पैंगोलिन की हड्डियों और मांस का इस्तेमाल खासतौर पर सबसे ज्यादा पारंपरिक चाइनीज मेडिसिन में होता है।
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15 साल पहले देखा गया था ऐसा पैंगोलिन ( Such a pangolin was seen 15 years ago)
हर्ष कुमार तिवारी नाम के व्यक्ति जो सांपों का रेस्क्यू करते हैं, इन्होंने इस पैंगोलिन का रेस्क्यू किया है, उन्होंने इसे पकड़कर जंगल में सुरक्षित जगह पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि यहां पहले भी पैंगोलिन देखे जाते रहे हैं, लेकिन टीकमगढ़ जिले में करीब 15 साल पहले इस तरह का पैंगोलिन देखा गया था।