12/20/2024

Olive Farming – जैतून की खेती करने से किसान हर साल कमा रहे 10-15 लाख रुपये,जानिए कैसे

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Olive Farming – जैतून की खेती करने से किसान हर साल कमा रहे 10-15 लाख रुपये,जानिए कैसे,जैतून की खेती ने राजस्थान के कई किसानों की किस्मत बदल कर रख दी है, क्योंकि वहां के किसान इससे प्रेरणा लेकर अब गुजरात, मध्य प्रदेश के अलावा और भी ये अन्य 13 राज्यों के किसान भी अपनी पारंपरिक खेती के अलावा भी ये जैतून की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं।

Olive Farming – जैतून की खेती करने से किसान हर साल कमा रहे 10-15 लाख रुपये,जानिए कैसे

जैतून का तेल सरसों और नारियल तेल के मुकाबले महंगा भी बिकता है l Olive Farming

राजस्थान में किसान जैतून की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। यहां के हनुमानगढ़, जैसलमेर, गंगानगर, चूरु और बीकानेर में जिले में जैतून की खेती करने वाले किसानों की संख्या अधिक है। लोगों को लगता है कि सरसों, सूरजमुखी, नारियल, सोयाबीन और मूंगफली का तेल ही खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा है, लेकिन ऐसी बात नहीं है।

जैतून के तेल से भी टेस्टी और लजीज खाना बनाया जा सकता है। जैतून का तेल सरसों और नारियल तेल के मुकाबले महंगा भी बिकता है। अगर किसान जैतून की खेती करते हैं, तो वे बहोत ज्यादा मात्रा में भी कमाई कर सकते हैं। और खास बात यह है कि जैतून के तेल से कई दवाइयां भी बनाई जाती हैं। ऐसे भी जैतून एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है।

मानसून के सीजन में जैतून की रोपई की जाती है

इसका सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी कम होता है। और इसके साथ ही यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है। राजस्थान में किसान जैतून की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। और यहां के हनुमानगढ़, जैसलमेर, गंगानगर, चूरु और बीकानेर में जिले में जैतून की खेती करने वाले किसानों की संख्या अधिक है। जैतून से कई सारे ब्यूटी उत्पाद भी बनाए जाते हैं।

जैतून एक सदाबहार पौधा है, जिसके पौधों को अच्छी बढ़वार के लिये पोषक तत्वों वाली गहरी भूरभूरी मिटी अच्छी मानी गई है। क्योंकि सख्त मिट्टी में इसके पौधों की सही ग्रोथ नहीं हो पाती। इसकी खेती के लिये मध्यम तापमान के साथ अच्छी सिंचाई की जरूरत होती है, ज्यादा सर्दी या ज्यादा गर्मी से इसकी फसल को नुकसान हो जाता है।

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इसके खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। मानसून के सीजन में जैतून की रोपई की जाती है। वैसे तो बारिश के मौसम में किसानों को जैतून की रोपाई करने के बाद इसकी सिंचाई भी नहीं करनी पड़ती है।

बारिश के पानी से जैतून के पौधे तेजी के साथ ग्रोथ करते हैं । Olive Farming

जैतून की खेती करने से किसान 15 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते है ंअगर आप एक हेक्टेयर में जैतून की खेती करना चाहते हैं, तो आप अपने खेत में 500 तक पौधे भी लगा सकते हैं। पांच साल तक पौधों से जैतून का उत्पादन नहीं होगा। लेकिन, लेकिन पांच साल बाद पौधों पर जैतून के फल लगने शुरू भी हो जाते है और इस प्रकार आप 5 साल बाद एक हेक्टेयर में इसकी खेती कर कम से कम 15 लाख रुपये तक की अच्छी खासी इनकम भी प्राप्त कर सकते है।

Olive Farming – जैतून की खेती करने से किसान हर साल कमा रहे 10-15 लाख रुपये,जानिए कैसे

और वहीं, आपको एक हेक्टेयर में 20 से 30 क्टिंल तक जैतून के तेल का उत्पादन हो सकता है। और खास बात यह भी है कि समय-समय पर जैतून की टहनियों और पत्तियों की छटाई भी करनी पड़ती है, क्योंकि इससे जैतूल की पैदावार भी अच्छी होती है।

ये हैं जैतून की बेहतरीन किस्में

अभी राष्ट्रीय बीज निगम के तहत सरकार ने जैतून की खेती करने वाले समस्त किसानों को इसके बीज कम कीमत पर दे रही है। यदि किसान जैतून की खेती करने का विचार कर रहे है तो आपकों इस आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑर्डर भी कर सकते हैं।

क्योंकि आपकों ऑनलाइन ऑर्डर करने पर आपके घर तक बीजों की डिलीवरी हो जाएगी। कोराटीना, बरनिया, कोरोनिकी और अर्बेक्विना जैतून की बेहतरीन किस्में हैं, जिसकी खेती करने पर किसानों को अच्छी पैदावार मिलेगी।

1 – वैसे तो जैतून के पौधों की रोपाई के लिये असिंचित इलाकों में जुलाई से लेकर अगस्त माह सबसे अच्छा माना जाता हैं। क्योंकि सिंचित जमीन में जनवरी और फरवरी माह के मध्य आप रोपाई कर सकते हैं।
2 – जैतून की खेती करने से अच्छी क्वालिटी वाली ज्यादा पैदावार प्राप्त करने के लिये कम से कम 11 प्रतिशत परागण का होना जरूरी है।
3 – इसके लिये जैतून की उन्नत किस्म एस्कोलानो, कोराटिना, फ्रंटियो और एस्कोटिराना आदि से पौधे तैयार कर सकते हैं।
4 – वैसे तो शुरुआती पांच साल तक पौधे से कोई उत्पादन नहीं मिलता, और इस दौरान इसे बहोत देखभाल की आवश्यकता भी होती है।
5 – मानसून में बारिश के कारण इसके पौधों और टहनियां तेजी से बढ़ने लगती है।
6 – पेड़ों से सेहतमंद फलों का उत्पादन लेने के लिये झाड़ीदार टहनियों को हटाकर कटाई-छंटाई करते रहना भी आवश्यक होता है।
7 – पेड़ को कीड़े औैर बीमारी से बचाने के लिये लगातार देखभाल की आवश्यकता भी होती है, जिससे समय रहते रोग ग्रस्त टहनी और पत्तियों को काटकर अलग कर दें।

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