Poultry Egg 2024: र्गियों के पालन से किसान भाई हो जायेगे मालामाल,इनके अंडो से होंगी लाखो की कमाई
Poultry Egg 2024: र्गियों के पालन से किसान भाई हो जायेगे मालामाल,इनके अंडो से होंगी लाखो की कमाई,देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अंडों की मांग बढ़ रही है। भारतीय मुर्गी पालन के अंडे कई देशों की तुलना में सस्ते होने के कारण इनकी खरीदारों की संख्या काफी है और लगातार बढ़ रही है। पिछले साल देश में अंडों का सालाना उत्पादन 139 अरब यानी लगभग 14 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। वहीं साल 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले अंडों के उत्पादन में करीब 800 करोड़ अंडों की वृद्धि हुई है। पोल्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, अंडों का उत्पादन हर साल छह से सात प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
Poultry Egg 2024: र्गियों के पालन से किसान भाई हो जायेगे मालामाल,इनके अंडो से होंगी लाखो की कमाई
देश में काफी डिमांड है अंडों की
शायद यही कारण है कि अंडा उत्पादन यानी पोल्ट्री व्यवसाय को भी अच्छी संभावना वाला माना जाता है। देश में भी अंडों की अच्छी खासी मांग है। आज देश में प्रति व्यक्ति अंडों का उपभोग सालाना 101 है। हालांकि, सरकार इसे बढ़ाकर 180 करने के प्रयासों पर काम कर रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक अंडा उत्पादन के लिए पोल्ट्री फार्मों में कृषि लेयर, वनाश्री, ग्रामप्रिया, निकोबारी, कड़कनाथ, सरहिंदी, गधा और वनराजा नस्ल की मुर्गियों को पाला जा सकता है।
प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है अंडो में
भारतीय मुर्गियों के अंडे सबसे ज्यादा दाम में बिकते हैं। कुछ मुर्गियां कम अंडे देती हैं, तो कुछ ज्यादा। डॉक्टरों का कहना है कि प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए अंडे बेहतर विकल्प हैं। अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी, यह बहस दशकों बाद भी जारी है और अंडों का उत्पादन भी बढ़ रहा है। लोगों को अंडों के प्रति जागरूक करने और अंडों की खपत बढ़ाने के लिए टीवी पर विज्ञापनों की मदद से ‘रविवार हो या सोमवार, रोज खाएं अंडे’ का नारा दिया जाता है। नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NECC) अंडों को बढ़ावा देने का काम करती है। यही कारण है कि हर साल अंडों का उपभोग बढ़ रहा है।
पोल्ट्री फार्मों की पहली पसंद – कृषि लेयर मुर्गी:
ऐसी कोई मुर्गी की नस्ल नहीं है जो अंडे नहीं देती। हां, ये जरूर है कि कुछ कम देती हैं और कुछ ज्यादा। लेकिन कृषि लेयर एक ऐसी लेयर चिड़िया है जो एक साल में सबसे ज्यादा अंडे देती है। पशु विशेषज्ञों के अनुसार, यह मुर्गी एक साल में 280 से 290 अंडे देती है। व्यावसायिक पोल्ट्री फार्मों में 98 फीसदी पोल्ट्री पालक अंडों के उत्पादन के लिए इसी नस्ल की मुर्गियां पालते हैं। बाजार से जो सफेद अंडे हम खरीदते और खाते हैं, वो इसी मुर्गी के होते हैं।
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अंडों की कीमतों में अंतर
आज बड़े मॉल में इसका अंडा छह रुपये से आठ रुपये तक बिक रहा है। इसे सबसे सस्ता अंडा माना जाता है। वहीं अगर सबसे महंगे अंडे की बात करें तो वो असील मुर्गी का होता है। यह मुर्गी की देशी नस्ल है। इस नस्ल की मुर्गी साल में सिर्फ 60 से 70 अंडे ही देती है। असील मुर्गी का अंडा 80 से 100 रुपये तक बिकता है। इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है। असील मुर्गी सबसे कम अंडे देती है।
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