Shakarkand Ki Kheti 2024:कम लागत में होंगी जबरदस्त कमाई शकरकंद की खेती से,जानें पुरी जानकारी
Shakarkand Ki Kheti 2024:कम लागत में होंगी जबरदस्त कमाई शकरकंद की खेती से,जानें पुरी जानकारी शकरकंद की खेती कर हो जाओगे मालामाल,जाने उन्नत किस्में शकरकंद की खेती किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकती है.इसकी खेती करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती और मुनाफा भी अच्छा होता है.आलू की तरह दिखने वाला ये मीठा कंद न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है,बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है.
Shakarkand Ki Kheti 2024:कम लागत में होंगी जबरदस्त कमाई शकरकंद की खेती से,जानें पुरी जानकारी
शकरकंद की खेती का समय
शकरकंद की खेती साल भर में कभी भी की जा सकती है,लेकिन अच्छी पैदावार के लिए इसकी बुवाई गर्मियों और बरसात के मौसम में की जाती है.खरीफ सीजन में जून से अगस्त के बीच इसकी कलमों को लगाया जाता है.इस दौरान इसकी फसल खरीफ की फसल के साथ ही तैयार हो जाती है.वहीं,रबी सीजन में धान की दूसरी कटाई के बाद दिसंबर-जनवरी के महीने में इसकी बुवाई की जा सकती है.
शकरकंद की उन्नत किस्में
देश में कई प्रकार की शकरकंद की खेती की जाती है,जिनमें से कुछ प्रमुख किस्में हैं पूसा गोल्डन,पूसा व्हाइट, कोंकण अश्विनी,राजेन्द्र शकरकंद-5,कालमेघ,श्री रत्ना क्रॉस-4, श्रीभद्रा,श्री अरुण, श्री वरुण,श्री वर्धिनी,श्री नंदिनी और वर्षा.ये उन्नत किस्में लगभग 110 से 120 दिनों में तैयार हो जाती हैं.
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जलवायु और मिट्टी
शकरकंद की खेती के लिए बलुई या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है,जो कार्बनिक तत्वों से भरपूर हो.इसकी खेती के लिए मिट्टी का pH मान 5.8 से 6.7 के बीच होना चाहिए.हल्का और गर्म जलवायु शकरकंद की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होता है.इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 21 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए और बारिश 75 से 150 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए.
शकरकंद की खेती कैसे करें
Shakarkand Ki Kheti 2024:कम लागत में होंगी जबरदस्त कमाई शकरकंद की खेती से,जानें पुरी जानकारी
शकरकंद की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें.कुछ दिनों के लिए खेत को खुला छोड़ दें ताकि मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकोड़े, पुराने फसल अवशेष और खरपतवार नष्ट हो जाएं.अब खेत में प्रति हेक्टेयर 180 से 200 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी होगी.इसके बाद,रोटावेटर की मदद से 2 से 3 बार खेत की जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरी बना लें.खेत तैयार होने के बाद,खेत में नर्सरी में तैयार की गई कटाई गई लताओं को लगाया जाता है.इसकी लताओं को एक महीने पहले नर्सरी में बीज बोकर तैयार किया जाता है.
इन तैयार लताओं को उखाड़कर उनकी कटिंग बनाकर खेतों में लगाया जाता है.शकरकंद के पौधे खेत की मेड़ों पर लगाए जाते हैं.पौधों को लगाने के लिए एक-दूसरे पौधे से करीब एक फुट की दूरी रखनी चाहिए.शकरकंद के पौधों की कटिंग को 20 सेंटीमीटर की गहराई में लगाना चाहिए.पौधे लगाने के बाद, इसे चारों तरफ से मिट्टी से ढक देना चाहिए.इसे समतल भूमि पर लगाया जाता है, इसलिए क्यारियों में कतारें लगाई जा सकती हैं.आपको कतार से कतार के बीच की दूरी लगभग 2 फीट रखनी चाहिए.