Shani Pradosh Vrat 2025:प्रदोष व्रत हिन्दू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी और प्रभावशाली व्रत माना जाता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है और यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। जब प्रदोष व्रत शनिवार को आता है, तब इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह योग अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की पूजा भी की जाती है। वर्ष 2025 में कई बार शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए विशेष फलदायक होगा।
Shani Pradosh Vrat 2025: शनि प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजन, शिव जी और शनिदेव करेंगे कृपा

शनि प्रदोष व्रत 2025 की तिथियां (Pradosh Vrat Dates 2025)
माह | दिनांक | दिन | व्रत का प्रकार |
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जनवरी | 11 जनवरी | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
मार्च | 8 मार्च | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
मई | 3 मई | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
जून | 28 जून | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
अगस्त | 23 अगस्त | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
अक्तूबर | 18 अक्तूबर | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
दिसंबर | 13 दिसंबर | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
Shani Pradosh Vrat 2025 का महत्व
- इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
- शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत अति उत्तम माना गया है।
- इस दिन व्रत करने से रोग, शोक, भय और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।
- कुंडली में शनि दोष या साढ़ेसाती के प्रभाव को शांत करने के लिए शनि प्रदोष व्रत अत्यंत उपयोगी है।

Shani Pradosh Vrat 2025 पूजन विधि (Puja Vidhi)
- स्नान और संकल्प:
व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए।
फिर भगवान शिव और शनिदेव के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। - दीप प्रज्वलन और पूजा स्थल की तैयारी:
मंदिर या पूजा स्थान को स्वच्छ कर वहां शिवलिंग की स्थापना करें।
शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति रखें। - शिव पूजा विधि:
- शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, शुद्ध घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल अर्पित करें।
- शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- शनिदेव की पूजा:
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- शनिदेव को काले तिल, नीले फूल, काले कपड़े अर्पित करें।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।
- आरती और भजन:
- शाम के समय प्रदोष काल (सूर्यास्त से 45 मिनट पहले से 45 मिनट बाद तक) में शिव और शनिदेव की आरती करें।
- “शिव तांडव स्तोत्र” और “शनिदेव स्तुति” का पाठ करें।
- प्रसाद वितरण और दान:
- काले तिल, उड़द, लोहे के बर्तन, कंबल का दान करें।
- गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करना अति पुण्यकारी माना गया है।
उपवास नियम (Vrat Niyam)
- उपवास रखने वाले व्यक्ति को अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- फलाहार जैसे दूध, फल, साबूदाना आदि का सेवन कर सकते हैं।
- मन, वचन और कर्म से पवित्र रहकर दिन भर शिव नाम का जाप करना चाहिए।
- रात में भगवान शिव का ध्यान करते हुए सोना चाहिए।
शनि प्रदोष व्रत के लाभ
- कार्य में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
- रोग, कर्ज और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
- शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
- विवाहित जीवन में मधुरता बढ़ती है।
मंत्र जाप
- महामृत्युंजय मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।” - शनि मंत्र:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
शनि प्रदोष व्रत 2025 शिवभक्तों के लिए एक विशेष अवसर लेकर आया है। इस दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की आराधना करने से सभी ग्रह दोषों का निवारण होता है और जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं। अगर आप लंबे समय से किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस वर्ष शनि प्रदोष व्रत करके शिव और शनि की कृपा अवश्य प्राप्त करें।