सुपारी की खेती से किसानों को होंगा जबरदस्त फायदा,जानें इसे करने का तरीका
सुपारी की खेती से किसानों को होंगा जबरदस्त फायदा किसानो की किस्मत चमका देगी सुपारी की खेती,जानिए खेती के बारे में A to Z पूरी जानकारी,सुपारी,जिसे पान का बीज भी कहा जाता है,एक उष्णकटिबंधीय फल है जो एशिया और प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में उगाया जाता है।सुपारी की खेती भारत,इंडोनेशिया,श्रीलंका,और फिलीपींस में सबसे अधिक की जाती है।ऐसे में अगर आप भी लम्बे समय के लिए खेती पर आश्रित रहना चाहते है तो यह खेती आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकती है।
सुपारी की खेती से किसानों को होंगा जबरदस्त फायदा,जानें इसे करने का तरीका
सुपारी की खेती: कैसी होनी चाहिए जलवायु
सुपारी की खेती के लिए उष्ण और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है।
तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
वर्षा 1500 मिमी से 2000 मिमी के बीच होनी चाहिए।
सुपारी की खेती: उपयुक्त मिट्टी
सुपारी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।
मिट्टी का पीएच 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।
सुपारी की खेती: कैसे करे रोपण
सुपारी की खेती के लिए बीज या रोपण सामग्री का उपयोग किया जा सकता है।
बीज से रोपण करने में 7-8 साल लगते हैं,जबकि रोपण सामग्री से रोपण करने में 4-5 साल लगते हैं।
रोपण सामग्री को 8 मीटर x 8 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
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सुपारी की खेती: कैसे करे देखभाल
सुपारी के पौधों को नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है।
पौधों को खाद और उर्वरक भी देना चाहिए।
पौधों को कीटों और रोगों से बचाना भी आवश्यक है।
सुपारी की खेती: कितने दिन में बनती गई फसल
सुपारी के पौधे 5-6 साल में फल देना शुरू करते हैं।
एक पौधे से 100-150 किलोग्राम फल प्रति वर्ष प्राप्त होता है।
फल 12-18 महीने में पक जाता है।
सुपारी की खेती: फायदे
सुपारी की खेती से किसानों को होंगा जबरदस्त फायदा,जानें इसे करने का तरीका
सुपारी की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है।
सुपारी की बाजार में अच्छी मांग है।
सुपारी का उपयोग विभिन्न औषधियों और खाद्य पदार्थों में किया जाता है।