November 22, 2024

तिल की खेती किसानों को मालामाल बना देंगी होंगी जबरदस्त कमाई,जानें इसे करने का तरीका

तिल की खेती किसानों को मालामाल बना देंगी होंगी जबरदस्त कमाई,

तिल की खेती किसानों को मालामाल बना देंगी होंगी जबरदस्त कमाई,

तिल की खेती किसानों को मालामाल बना देंगी होंगी जबरदस्त कमाई,जानें इसे करने का तरीका आजकल हर किसान की यह उम्मीद होती है कि वह कम समय में ज्यादा मुनाफ को कमा सके आज हम आपको तिल की खेती को करने के बारे बताने जा रहे जिससे देश की बड़े पैमाने पर खाया तेलों का आयात किया जाता है। इस तेल को खाने से लेकर पूजा पथ में उपयोग किया जाता है और राजस्तान में खरीफ की फसल के साथ तिलहनी फसलों की भी खेती की जाती है।

तिल की खेती किसानों को मालामाल बना देंगी होंगी जबरदस्त कमाई,जानें इसे करने का तरीका

तिल की खेती के बारे में, 41% OFF

तिलहन के फसलों की उन्नत किस्मे

अगर आप भी तिल की खेती करने के बारे में सोच रहे हैं तो इसकी उन्नत किस्में आपको बेहतर उपज के साथ तगड़ी कमाई कर सकते है। तिल की उन्नत किस्में- आर.टी. 46, आर.टी. 125, आर.टी. 127, आर.टी. 346, आर.टी. 351 हैं. ये किस्में 78 से 85 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं.और इससे 700 से 800 किलो प्रति हेक्टेयर बीज मिल सकता है।जिससे आपको मोटा मुनाफा होगा।

तिल की खेती की तैयारी

आपकी जानकारी के लिए बता दे की तिल की खेती करने के लिए हमे अधिक खरपतवार वाली जमीन के लिए गर्मियों में एक गहरी जुताई जरूरकरना चाहिए और मानसून की पहली बारिश आते ही 1-2 बार खेत की जुताई करके जमीन तैयार कर लेंना चाहिए और ये कम से कम 3 वर्षों में एक बार 20-25 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करते है।

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तिल की खेती के लिए बीज की बुवाई और बीजोपचार करना

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आपकी जानकारी के लिए बता दे की तिल की खेती के लिए हमे प्रति हेक्टेयर 2 से 2.5 किग्रा की आवश्यकता होती है और तिल की बुवाई मानसून की पहली बारिश के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में की जाती है। और इसे 30 से 45 सेमी कतार से कतार की दूरी और 10से 15 सेमी पौधे से पौध की दूरी पर लगाया जाता है और बुबाई करने से पहले जीवाणु अंगमारी रोग से बचाने के लिए बीजों को 2 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन का 10 लीटर पानी में घोल बनाकर 2 घंटे तक बीजोपचार करें और बीजों को छाया में सुखाकर ही बुवाई करन चाहिए। तिल में कीटों से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्ल्यू.यू.एस 7.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज को उपचारित कर बुवाई की जाती है।

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तिल की खेती में सिंचाईऔर निदाई गुड़ाई

आपकी जानकारी के लिए बता दे की तिल की खेती में नमी की कमी होने पर फलियों में दाना पड़ने की अवस्था होती है जब सिंचाई की जाती है और बोने के 20 दिनों बाद निदाई गुड़ाई कर सकते है और इस मौसम में तिल की फसल को ज्यादा सिचाई की जरुरत भी नहीं होती है और जुलाई में इसकी बोनी हों के पश्यात बारिश के पानी से ही इसकी सिचाई पूरी हो जाती है।

तिल की खेती से होगी इतनी कमाई

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जायद की तिल लगायें

यदि हम तिल की खेती में लागत के बारे में बताये तो आपको इसकी खेती में लगभग 20 से 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत आ जाती है। और हम इसके कमाई की बात करे तो इसका का बाजारी भाव 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के बीच ही रहता है. इसके हिसाब से किसान 1 हेक्टयर के खेत से लगभग 1 लाख रुपए आसानी से कमा सकते है।

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