November 23, 2024

UGC : लिखने पढ़ने का है शौक तो UGC दे रहा है खाश मौका काम करने का ऐसे करे आवेदन जानिए

UGC : लिखने पढ़ने का है शौक तो UGC दे रहा है खाश मौका काम करने का ऐसे करे आवेदन जानिए

UGC : लिखने पढ़ने का है शौक तो UGC दे रहा है खाश मौका काम करने का ऐसे करे आवेदन जानिए

UGC : अगर आप लिखने पढ़ने का शौक रखते हो तो एकेडमिक विषयों पर आपकी अच्छी पकड़ है, तो आपके लिए एक अच्छा मौका है। UGC ने आर्ट्स, साइंस और सोशल साइंस के विभिन्न विषयों में ग्रेजुएट लेवल के पाठ्यक्रमों के लिए 12 भारतीय भाषाओं में मूल पाठ्यपुस्तकें लिखने के लिए इच्छुक लेखकों, आलोचकों और उच्च शिक्षा संस्थानों के  मेंबरों से रुचि के आधार पर आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे। 

UGC : लिखने पढ़ने का है शौक तो UGC दे रहा है खाश मौका काम करने का ऐसे करे आवेदन जानिए

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इसके अलावा नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से भी इससे संबंधित तमाम डिटेल चेक कर सकते हैं.30 जनवरी, 2024 तक का समय है। वे सीधे इस लिंक https://docs.google.com/forms/d/e के जरिए अपना आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। 

UGC : लिखने पढ़ने का है शौक तो UGC दे रहा है खाश मौका काम करने का ऐसे करे आवेदन जानिए

UGC Invited :- जीसी के अध्यक्ष ममीडाला जगदेश कुमार ने कहा, यूजीसी 12 भारतीय भाषाओं में आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस में ग्रेजुएट लेवल पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है। हम विभिन्न राज्यों में नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान कर रहे हैं, जो उन लेखकों की टीम बनाने की कवायद का समन्वय करेंगे, जो भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तकें लिख सकते हैं।

यह प्रयास भारतीय भाषाओं में विश्वविद्यालयों में छात्रों को सीखने के अवसर प्रदान करने के NEP 2020 के लक्ष्य के अनुरूप है। यह पत्र यूजीसी के साथ पंजीकरण करने के लिए इच्छुक लेखकों की पहचान करने के लिए है ताकि वे इस प्रयास में भाग ले सकें। यह प्रैक्टिस भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य का एक हिस्सा है।

सीबीएसई ने पहले एक नोटिस जारी कर संबद्ध स्कूलों को NCERT किताबें अपनाने के लिए प्रेरित किया था, जो अब 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जा रही हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पैराग्राफ 4.12 में पहले से ही एनईपी 2020 युवा शिक्षार्थियों के लिए बहुभाषावाद के महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक लाभों पर जोर देती है।  खासकर जब वे अपनी मातृभाषा पर विशेष ध्यान देने के साथ बुनियादी स्तर से कई भाषाओं से अवगत होते हैं। यह एक सुधार की शुरुवात है हमरी मातृभाषा के प्रति। 

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