इस तरह से करें कम खर्च मे उन्नत प्याज की खेती,कम समय में आप बन जाएंगे मालामाल
प्याज की खेती: खेतीमे ज़ब से वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल होने लगा है तब से खेती-बाड़ी में लोगों का रुझान काफी ज्यादा बढ़ने लगा है. आजकल युवाओं के द्वारा खेती में काफी ज्यादा दिलचस्पी दिखाई जा रही है क्योंकि नौकरी के साथ-साथ कई युवा खेती करके अमीर बन चुके हैं.
Also Read:फरवरी-मार्च में किसान इन फसलों की करे खेती आप कमा सकते हो एक इन फसलों से मुनाफा
आज हम आपको प्याज की खेती के बारे में बताने वाले हैं. आपको बता दें कि प्याज एक महत्वपूर्ण सब्जी और मसाला फसल है इसमें प्रोटीन और कई तरह के मिलिरल पाए जाते हैं.
इस तरह से करें प्याज की खेती,कम समय में आप बन जाएंगे मालामाल
वैसे तो प्याज की खेती ठंड के मौसम में की जाती है लेकिन इसे खरीद में भी उगा सकते हैं.इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 100.5 से 7.5 तक होना चाहिए. अक बता दे कि बिहार झारखंड मध्य प्रदेश और कई राज्यों में बड़े स्तर पर प्याज की खेती की जाती है और प्याज की खेती करके आज कई किसान अमीर भी बन चुके हैं. प्याज की खेती में आपको गोबर से बने खाद का उपयोग अधिक करना चाहिए क्योंकि ऐसे खाद प्याज की खेती के लिए अच्छे होते हैं.
इस तरह से करें प्याज की खेती,कम समय में आप बन जाएंगे मालामाल
कब कौन सी फसल होती है
त्योहारी सीजन खत्म हो गया. हालांकि ज्यादातर इलाकों के किसानों ने प्याज की बुलाई कर ली होगी, और कई जगहों पर इसकी तैयारी हो रही है. रबी सीजन के प्याज की बुवाई अक्टूबर-नवंबर के महीने में शुरू हो जाती है और यह जनवरी तक चलती है. रबी सीजन में लगाया गए प्याज की फसल तैयार होने में चार महीने का समय लेती है. फरवरी और मार्च के बीच प्याज खोदने का काम शुरू हो जाता है. हालांकि कुछ हिस्सों में रबी सीजन की प्याज बुवाई के अनुसार अप्रैल मई तक निकलती है.
जबकि अर्ली खरीफ की बुवाई जून-जुलाई में होती है जोकि नवंबर तक आ जाती है. खरीफ सीजन के प्याज की बुवाई अगस्त और सितंबर में करते हैं, जो दिसंबर और जनवरी के बीच आ जाती है. लेकिन इन दोनों की स्टोरेज नहीं हो पाती. स्टोरेज सिर्फ रबी सीजन के प्याज किया जाता है. महाराष्ट्र के कुल प्याज उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में ही होता है. कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश का भी है. यहां भी इसी सीजन में प्याज उत्पादन होता है.