12/23/2024

सौंफ की खेती से किसानों को होंगी बंपर कमाई,होंगे बंपर फायदे,जानें इसे करने का तरीका

सौंफ की खेती से किसानों को होंगी बंपर कमाई

सौंफ की खेती से किसानों को होंगी बंपर कमाई

सौंफ की खेती से किसानों को होंगी बंपर कमाई अच्छी कमाई के लिए करे सौंफ की खेती, होंगे बंपर फायदे,जाने खेती से जुड़ी जानकारी सौंफ का इस्तेमाल आमतौर पर मसालो के रूप में अधिक मात्रा में किया जता है।और सौंफ में कई औषधिय गुण पाए जाते हैं। इसे पाचन, कब्ज के उपचार, डायरिया, गले का दर्द और सिरदर्द के उपचार के लिए बी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में सौंफ की खेती मुख्य तौर पर राजस्थान, आंध्रप्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा में पढ़े पैमाने पर की जाती है। अगर आप भी कम निवेश में अच्छे पैसे कमाना चाहते है तो,आप सौंफ की खेती से अच्छी कमायो कर सकते है।

सौंफ की खेती से किसानों को होंगी बंपर कमाई,होंगे बंपर फायदे,जानें इसे करने का तरीका

खुशबूदार सौंफ लगायें - Krishak Jagat (कृषक जगत)

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सौंफ की खेती के लिए मिट्टी

अगर आप सौंफ की खेती करने का सोच रहे है। इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। लेकिन सौंफ की खेती के लिए दोमट मिट्टी ज्यादा बेहतर मणि जाती है। इसके अलावा आप चुने से युक्त बलुई मिट्टी में भी इसकी खेती कर सकते है। इसकी अच्छी फसल लेने के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि होना जरुरी होता है।

सौंफ की खेती के लिए ऐसे करे खेत की तैयारी

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सौंफ की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करना जरुरी होता है। इसकी पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा बाद में तीन से चार जुताई हल या कल्टीवेटर से कर के खेत को समतल बनाकर पाटा लगाते हुए एक सा बना लेना चाहिए।आखिरी जुताई में 150 से 200 टन गोबर की सड़ी हुई खाद को मिलाकर खेत को पाटा लगाकर समतल कर लिया जाता है।इसके अलावा बीजों की बुआई करने के 30 और 70 दिन के बाद फास्फेट की 40 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टर में डाला जाता है।

खाद उर्वरक का प्रयोग

सौंफ की खेती करने के लिए गोबर की सड़ी हुई खाद 10-15 टन प्रति हेक्टर बुवाई के 1 माह पूर्व खेत में डालना जरूरी होता है। और उर्वरक की मात्रा 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 40 किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप में प्रति हेक्टयर देना होता है। और नाइट्रोजन की आधी मात्रा, फास्फोरस एवं पोटाश पूरी मात्रा खेत की तैयारी के समय आखरी जुताई के समय देना चाहिए। शेष नत्रजन की आधी मात्रा बुवाई के 60 दिन बाद तथा शेष मात्रा 90 दिन बाद खड़ी फसल में भी दे सकते है।

इस खेती से लाभ

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यदि किसान एक हेक्टेयर में सौंफ की खेती कर रहा है। तो उसमें करीब 20-30 हजार रुपए तक का खर्चा आता ही है। यदि इस हेक्टेयर की फसल को बेचा जाए तो इससे किसानों को करीब 2 लाख रुपए की कमाई हो सकती है। इस तरह से किसान इस खेती से अच्छे पैसे कमा सकता है।

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