मुनाफा का सौदा साबित हो सकती है सीताफल की खेती,जानिए सीताफल की खेती करने का सही तरीका
सीताफल की खेती आजकल चलन में काफी ज्यादा है क्योंकि सीताफल की खेती करने से लोगों को काफी फायदा होने लगा है. वैज्ञानिक तरीके से सीताफल की खेती आजकल होने लगी है जिसके कारण मुनाफा काफी ज्यादा बढ़ने लगा है.
अभी सीताफल की उन्नत खेती करके काफी कम समय में अमीर बन. सीताफल की खेती मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश और कई जगहों पर की जाती है.
मुनाफा का सौदा साबित हो सकती है सीताफल की खेती,जानिए सीताफल की खेती करने का सही तरीका
उपयुक्त मिट्टी
सीताफल की खेती लगभग सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती हैं. लेकिन अच्छी पैदावार के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. जबकि जल भराव वाली काली चिकनी मिट्टी में इसकी खेती नही की जा सकती. क्योंकि जल भराव होने पर उत्त्पन्न होने वाले कीटों के कारण पौधों में कई तरह के रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है. इसकी खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए.
जलवायु और तापमान
सीताफल की खेती के लिए शुष्क जलवायु वाले क्षेत्र उपयुक्त होते हैं. इसके पौधे अधिक गर्मी में आसानी से विकास करते हैं. लेकिन अधिक समय तक पड़ने वाली तेज़ सर्दी इसके लिए उपयुक्त नही होती. इससे इसके फलों का स्वाद कड़ा हो जाता है. इसके फलों को पकने के लिए गर्मी के मौसम की जरूरत होती है. लेकिन गर्मी में पकने के बाद भी इसके फल बहुत ठंडे होते हैं.
इसके पौधे को अंकुरण के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है. और विकास के टाइम ये 40 डिग्री तापमान को भी सहन कर लेता है. लेकिन जब इस पर फूल और फल बनते हैं, उस वक्त 40 डिग्री से ज्यादा तापमान होता है तो इसके फूल और फल दोनों झड़ने लगते हैं.
उन्नत किस्में
सीताफल की कई तरह की किस्में पाई जाती है. इन सभी किस्मों को उगने के स्थान, फल, बीज के रंग और आकार के आधार पर तैयार किया गया है.
अर्का सहन
अर्का सहन सीताफल की एक संकर किस्म है. इस किस्म के फल बहुत रसदार होते हैं. जो बहुत धीमी गति से पकते हैं. इस किस्म के फलों में बीज की मात्रा कम और आकार छोटा होता है. इसके गूदे अंदर से बर्फ की तरह सफ़ेद दिखाई देते हैं. जो स्वाद में बहुत मीठे होते हैं. इनमें सुगंध मध्यम प्रकार की आती है.