मौसम विभाग द्वारा किसानो को जोड़ेगा नए वाट्सअप सिस्टम में,देखे क्या भागीदारी रहेगी इनकी-
मौसम विभाग द्वारा किसानो को जोड़ेगा नए वाट्सअप सिस्टम में,देखे क्या भागीदारी रहेगी इनकी-कृषि क्षेत्र में टेक्नालाजी का उपयोग बढ़ाने और गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सरकार काम कर रही है, ताकि खेती में रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सके और पढ़े-लिखे युवा गांवों में ही रहकर कृषि की ओर आकर्षित होंगे। लेकिन इन सब के बीच किसानों के लिए जो सबसे बड़ी समस्या है वो मौसम की मार,कई बार तो समय पर किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नहीं मिल पाती और किसानों की तैयार फसलें भी भी बारिश की भेंट चढ़ जाती है,आइये इनसे जुडी सभी जानकारी आपको हम देते है इस आर्टिकल के माध्यम से!
मौसम विभाग द्वारा किसानो को जोड़ेगा नए वाट्सअप सिस्टम में,देखे क्या भागीदारी रहेगी इनकी-
मौसम विभाग किसानों को जोड़ेगा नए वाट्सअप सिस्टम से
ऐसे में अब मौसम विभाग नये सिस्टम पर काम कर रहा है जो कि इस दिशा में किसानों के लिए मददगार साबित हो सकता है। जानकारी के मुताबिक़ मौसम केंद्र जयपुर ने वॉट्सऐप नेटवर्क के जरिए 10 लाख से ज्यादा किसानों को जोड़ने जा रहा है। जहां किसानों को वॉट्सऐप मैसेज के ज़रिए मौसम की सूचना दी जाएगी। बारिश-ओले का अलर्ट हो या खेती को प्रभावित करने वाली अन्य मौसमी गतिविधियां, किसानों को 4-5 दिन पहले ही चेतावनी मिल जाएगी।
भास्कर में छपी एक रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जयपुर मौसम केंद्र में शनिवार को ‘वेदर फोरकास्ट और अर्ली वार्निंग सिस्टम’ (weather forecasting and early warning system) पर वर्कशॉप हुई। इसमें बताया गया कि हर ग्राम पंचायत पर बने कृषि सेवा केंद्र और कृषि विकास केंद्रों पर वॉट्सऐप ग्रुप बनाने का काम शुरू किया जा चुका हैं,मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक़ – इस वॉट्सऐप ग्रुप नेटवर्क में प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा किसानों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं। ताकि उनको 4-5 दिन पहले ही आगामी मौसम की सूचना दी जा सके!
मौसम विभाग द्वारा किसानो को जोड़ेगा नए वाट्सअप सिस्टम में,देखे क्या भागीदारी रहेगी इनकी-
फसलों में नुकसान को कम कर सकेगा किसान
माैसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- वर्तमान में जयपुर में डॉप्लर रडार के अलावा एडवांस तकनीक का सिस्टम लगा है। इससे हम शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज फोरकास्ट जारी करते हैं। इन फोरकास्ट की एक्यूरेसी 80 फीसदी तक रहती है। अगर किसी जगह बारिश, ओलावृष्टि या आंधी आने की आशंका रहती है तो उसे 4-5 दिन पहले बताया जा सकता है। अगर किसानों को 4-5 दिन पहले पता चल जाये कि आने वाले 4-5 दिन बाद मौसम कैसा रहने वाला है तो वो अपनी फसलों को नुकसान से बचाने या नुकसान को कम करने की दिशा में सही कदम उठा सकते हैं।