हिंदू मुसलमान हर धर्म का बदलेगा नियम,जानिए किस धर्म पर UCC का कैसा होगा असर,सामने आई बड़ी जानकारी
मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक नया मुद्दा छेड़ दिया गया है. इस मुद्दे का सियासत के साथ-साथ कानूनी गलियारों में भी खूब जमकर चर्चा किया जा रहा है और भारतीय संविधान की धारा 44 में एक समान नागरिक संहिता का जिक्र भी देखने को मिलता है. भारत में अलग-अलग धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं और अलग-अलग धर्म के नागरिक अपने पर्सनल लॉ का पालन भी करते हैं.
हिंदू मुसलमान हर धर्म का बदलेगा नियम,जानिए किस धर्म पर UCC का कैसा होगा असर,सामने आई बड़ी जानकारी
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लेकिन अगर देश में यूनियन सिविल कोड लागू हो जाता है तो उस सब नियमों का सिर्फ एक नियम बनकर सामने आ जाएगा. यूनियन सिविल कोड आता है तो मौजूदा कानून जैसे हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और हिंदू सकसेशन एक्ट 1956 में संशोधन करना जरूरी हो जाएगा.
उदाहरण के लिए हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 2(2) में बताया गया है कि यह सभी प्रधान अनुसूचित जनजाति पर लागू नहीं होते. लेकिन यूनियन सिविल कोर्ट में इस तरह के किसी भी आप वादों का जगह नहीं होगा.
हिंदू मुसलमान हर धर्म का बदलेगा नियम,जानिए किस धर्म पर UCC का कैसा होगा असर,सामने आई बड़ी जानकारी
द मुस्लिम पर्सनल एप्लीकेशन एक्ट 1937 में कहा गया है कि इस्लामिक कानून से शादी और तलाक होगा अगर मैं ऐसे यूनियन सिविल कोड आता है तो उस शरीयत कानून के तहत न्यूनतम उम्र में बदलाव हो जाएगा साथ ही पोली गेम यानी एक से ज्यादा पत्नियां रखने की प्रथा भी खत्म कर दी जाएगी.
आनंद मैरिज एक्ट 1909 के अंतर्गत सिख समुदाय में शादियां होती है लेकिन सिख समुदाय में तलाक का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन अगर यूनियन सिविल कोड आएगा तो फिर यह नियम भी खत्म हो जाएगा.