October 9, 2024

Ayodhya Shree Ram Mandir LIVE Update: श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का 84 सेकंड का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से हॉग शुरू

Ayodhya Shree Ram Mandir LIVE Update: PM मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान इस समय कर रहे हैं। 84 सेकंड के विशेष मुहूर्त में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंट के बीच में ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के उच्चारण और विधि-विधान के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

Ayodhya Shree Ram Mandir LIVE Update: श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का 84 सेकंड का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से हॉग शुरू

रामलला की मूर्ति की आंखों में क्यों बांधी गई है पट्टी


12 बजकर 29 मिनट पर विशेष शुभ मुहूर्त में रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की आंखों में पट्टी बंधी हुई और 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की आंखों से पट्टी खोली जाएगी। हिंदू धर्म में किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले आंखों पर पट्टी बांधना जरूरी है क्योंकि भगवान की मूर्ति में आंखें सबसे खास होती है इसी कारण से प्राण-प्रतिष्ठा के बाद आंखों से पट्टी खोली जाती है।

Ayodhya Shree Ram Mandir LIVE Update: श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का 84 सेकंड का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से हॉग शुरू


अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कुछ ही देर बाद होगा शुरू
अब से कुछ देर बाद दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान विधि शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त बहुत खास रहेगा।

रामरक्षास्त्रोत पाठ करने के नियम
ऐसी मान्यता है कि यदि आप किसी मनोकामना की पूर्ति हेतु राम रक्षा स्त्रोत्र का पाठ कर रहे हैं तो इसे दिन में 11 बार करें और 41 दिनों तक नियमित रूप से इस पाठ का जाप करें। इस स्तोत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पाठ करते समय मन में प्रभु श्री राम का ध्यान रखते हुए सभी विकारों से दूर रहें।पाठ करते समय साफ़ सात्विक रंग के धुले हुए वस्त्र धारण करें।


रामरक्षास्त्रोत का महत्व
रामरक्षास्त्रोत एक रक्षा कवच है। इसका पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है। इसके नित्य पाठ से कष्ट दूर होते हैं। जो इसका रोज़ाना पाठ करता है वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी और विनय संपन्न होता है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति के चारों और सुरक्षा कवच बनता है, जिससे हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा होती है। कहा जाता है इसके पाठ से भगवान राम के साथ पवनपुत्र हनुमान भी प्रसन्न होते हैं। संतान प्राप्ति एवं धन लाभ की इच्छा रखने वाले लोग भी नियमित रूप से इसका पाठ करें।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और शनि ग्रह का संयोग

आज बहुत ही शुभ संयोग और मुहूर्त में अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान है। अगर ग्रहों की बात करें तो आज गुरु के ऊपर बहुत ही बलवान शनि की दृष्टि भी पड़ रही है। शनि और गुरु नवांश कुंडली में भी प्रबल होकर आमने-सामने बैठे हैं। इन दोनों का जब भी संबंध होता है तो ब्रह्मांड में आध्यात्मिक चेतना अपनी उच्च सीमा पर रहती है। शनि भी इस कुंडली में कर्म स्थान का और लाभ स्थान का अधिपति भी बन रहा है। शनि की कृपा के बिना इतना बड़ा प्रसंग कभी नहीं बनता क्योंकि शनि मोक्ष स्थान का कारक भी हैं, ईश्वर के साक्षात्कार का ग्रह भी है और न्याय का देवता भी है।

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