कौन है Mohit Pandey जाने जीवनी और योग्यता,ये बने अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी
राम मंदिर के पूरा होने का 500 सालो से सबको इन्तजार था। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला जी की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। ख़बरों के मुताबिक मंदिर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया जायेगा। इस लेख में आप Mohit Pandey Biography के बारे में जानेंगे जो की राम मंदिर के प्रमुख पुजारी बनने वाले है। इसके अलावा आप ये भी जानेंगे कि कैसे 3000 इंटरव्यू के बाद राम मंदिर के पुजारी के रूप में चुने गए मोहित पांडेय।
कौन है Mohit Pandey जाने जीवनी और योग्यता,ये बने अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी
कौन है Mohit Pandey
मोहित पांडेय का जन्म उत्तरप्रदेश में स्थित सीतापुर के बल्हौरा गांव में 22 नवंबर 2002 को हुआ था। नके पिताजी एक किसान है और उनकी माताजी एक गृहणी है।
मोहित के चाचाजी एक पुजारी है और उन्होंने ही मोहित को धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने लगभग 9 साल की उम्र में गाज़ियाबाद में स्थित श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के वेद विद्यालय में प्रवेश लिया जहाँ उन्होंने 10 सालों तक अध्यन किया।
कौन है Mohit Pandey जाने जीवनी और योग्यता,ये बने अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी
इस वेद विद्यालय में मोहित पांडेय ने 7 साल तक सामवेद, धर्म और कर्मकांड की शिक्षा प्राप्त की। गाज़ियाबाद के वेद विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद मोहित तिरुपति में स्थित श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय में ज्ञान लेने चले गए।
उन्होंने श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय से अपनी आचार्य की डिग्री प्राप्त की। फिलहाल मोहित तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD) की ओर से संचालित श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय से एमए का कोर्स कर रहे है।
इसके साथ ही मोहित पांडेय आचार्य की डिग्री लेने के बाद पीएचडी की तैयारी भी कर रहे है। उन्होंने अपने 7 साल की शिक्षा के दौरान रामानंद दीक्षा भी प्राप्त की थी।
किसी भी व्यक्ति को रामानंद दीक्षा प्राप्त करने के लिए स्वामी रामानंद के द्वारा दी गई शिक्षा को ग्रहण करना पड़ता है। फिर एक समारोह में उस व्यक्ति को पूजा के बाद दीक्षित घोषित कर दिया जाता है।
Read Also: सोना खरीदने वाले पढ़े ये खबर सोने के रेट में भारी गिरावट,जानें कितना सस्ता हुआ सोना और चांदी
मोहित पांडेय बने अयोध्या राम मंदिर के पुजारी
राम मंदिर के लिए एक प्रमुख पुजारी की आवश्यकता होगी। इसलिए राम मंदिर के पुजारी बनने के लिए आवेदन पत्र भी जारी किये गए थे।
जिसमे पत्र भरने वाले की उम्र लगभग 20 से 30 साल तक की होनी अनिवार्य बताई गई है। और साथ ही आवेदक ने 6 माह की रामनन्दनीय दीक्षा ली हो और उसकी गुरुकुल शिक्षा पद्द्ति से पढ़ाई की हो।
मंदिर के पुजारी के लिए कुल 3000 आवेदन पत्र आये थे। जिनमे से सबकी शिक्षा और जानकारी के हिसाब से 200 आवेदकों को चुना गया था। उन आवेदकों का इंटरव्यू करने के बाद सिर्फ 50 आवेदकों को मंदिर के पुजारी का नियुक्ति पत्र दिया गया है।
उसी दौरान मोहित पांडेय ने राम मंदिर के पुजारी के लिए आवेदन पत्र डाल दिया और कई कठिन परीक्षाओ तथा इंटरव्यू के बाद उसमे इनका चयन हो गया। पुजारियों का चयन मंदिर के ट्रस्ट के द्वारा ही किया जाता है।