किसानो के लिए लाभ का जरिया बनी काली मिर्च की खेती, सालना हो रही ताबड़तोड़ कमाई, जानिए खेती की पूरी जानकारी
किसानो के लिए लाभ का जरिया बनी काली मिर्च की खेती, सालना हो रही ताबड़तोड़ कमाई, जानिए खेती की पूरी जानकारी,आज के समय में खेती से ज्यादा कमाई करने के लिए लोग अब नए-नए तरीकों से खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ती जा रही है, अगर आप भी किसान हैं और खेती से मोटी कमाई करना चाहते हैं तो यह आपके लिए है। काली मिर्च की खेती एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है, आमतौर पर काली मिर्च को मसाला फसलों का राजा भी कहा जाता है. काली मिर्च का उपयोग खाने में किया जाता है, इस काली मिर्च की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी खेती के बारे में अधिक जानकारी.
मार्केट में है काली मिर्च की काफी डिमांड
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आपको बता दें कि भारत में कुल काली मिर्च उत्पादन का 98 प्रतिशत अकेले केरल राज्य में होता है। इसके बाद कर्नाटक और तमिलनाडु का नंबर आता है. आपको बता दें कि काली मिर्च को नारियल के ताड़ के पेड़ों पर उगाया जा सकता है। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए कुछ काली मिर्च को बाजार में बेचने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
जानिए काली मिर्च की कुछ उन्नत किस्मे
काली मिर्च की खेती के बारे में बताने से पहले हम आपको इसकी कुछ उन्नत किसमो के बारे में बताये तो आपको बता दे काली मिर्च की पेयूर-1 से पेयूर-4 किस्मों को केरल में पेयूर मीरी अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है। और इसके साथ ही शुभंकर, श्रीकरा, पंचमी और पूर्णिमा की किस्मों को राष्ट्रीय मसाला फसल अनुसंधान केंद्र, कालीकट से विकसित और प्रचारित किया गया है। इसलिए आप इस उन्नत किस्म से आसानी से काली मिर्च की खेती भी कर सकते हैं।
काली मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान
काली मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु की बात करें तो इसके लिए गर्म, आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। इसे अत्यधिक गर्मी या ठंड के मौसम में नहीं उगाया जा सकता है। इसके लिए हवा में जितनी अधिक नमी होगी, इस बेल की वृद्धि उतनी ही अधिक होगी। आपको बता दें कि जिस जलवायु में नारियल और सुपारी जैसे फलों के पेड़ उगाए जा सकते हैं। यहाँ काली मिर्च आसानी से उगाई जा सकती है। अन्य मसाला फसलों की तरह इस फसल को भी छाया की आवश्यकता होती है। ऐसे तापमान में आप आसानी से काली मिर्च की खेती कर सकते हैं।
इस प्रकार करे काली मिर्च की खेती
आपको बता दें कि जब भी आप खेत में काली मिर्च की रोपाई करें तो बीज के बीच की दूरी 2.6 से 3.4 मीटर होनी चाहिए, बहुत अधिक छाया काली मिर्च की पैदावार पर बेहतर प्रभाव डालती है। ऐसे में बगीचे के पास काली मिर्च के पेड़ों की केवल दो पंक्तियाँ लगानी होंगी। रोपण के समय तैयार किये गये गड्ढे में मध्यम जड़ों वाली काली मिर्च के पौधे रोपने चाहिए। बेल को सहारा देने के लिए पेड़ पर चढ़ने के लिए बेलों का सहारा लेना पड़ता है।और इसके लिए कुछ छोटी काली मिर्च की बेलों को आधार पेड़ तक पहुंचने तक समय-समय पर सहारा देना पड़ता है और पेड़ पर चढ़ने के लिए उन्हें रस्सी से बांधना पड़ता है।
काली मिर्च की खेती में इन सावधानियों का रखे विशेष ध्यान
किसानो के लिए लाभ का जरिया बनी काली मिर्च की खेती, सालना हो रही ताबड़तोड़ कमाई, जानिए खेती की पूरी जानकारी
आपको बता दें कि आमतौर पर काली मिर्च की फसल पर बहुत बार हानिकारक कीट और बीमारियां होती हैं। जब बीज हरे हो जाते हैं, तो वे मिर्च को खोखला करके नुकसान पहुंचाते हैं। जुलाई और अक्टूबर में इस कीट के नियंत्रण के लिए बेलों और फलों पर मैलाथियन या कार्बेरिल का छिड़काव किया जाना चाहिए। बेलों के नीचे खुदाई करने से इस कीट का प्रकोप कम हो जाता है। इसलिए समय-समय पर इसकी देखभाल करनी चाहिए।
काली मिर्च की खेती होंगी लाखो की कमाई
अगर बात करें काली मिर्च की खेती में कमाई की तो बता दें कि काली मिर्च की खेती में मेहनत करने की जरूरत नहीं है। और इसका उपयोग न केवल हमारी रसोई में, बल्कि दवाई बनाने में भी किया जाता है। इसलिए बाजार में इसकी मांग काफी अधिक है। बाजार में प्याज की कीमत 500 रुपये प्रति किलो है। इससे आप इसकी खेती कर सालाना लाखो की कमाई कर सकते है।