किसानों को कम लागत में होंगी बंपर कमाई लौंग की खेती से,जानें इसे करने की पुरी जानकारी
किसानों को कम लागत में होंगी बंपर कमाई लौंग की खेती से,जानें इसे करने की पुरी जानकारी आपकी जानकारी के लिए बता दे की लौंग को एक मसाला फसल की खेती के रूप में उगाया जाता है लौंग को खासकर खाने के मसाले के लिए और पूजा के लिए उपयोग में लाया जाता है इसके आलावा भी इसे आयुर्वेदिक दवाइयों के लिए भी उपयोग किया जाता है और माना जाता है की लौंग के तासीर अधिक गर्म होती है, जिस वजह से सर्दियों के मौसम में सर्दी जुकाम हो जाने पर लौंग का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिल जाता है और हिन्दू धर्म में लौंग का इस्तेमाल हवन पूजा में भी किया जाता है लौंग एक सदाबहार फसल है।और इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा ही बनी रहती है इस लिए लौंग की उन्नत खेती कर अच्छी कमाई कर सकते है।
किसानों को कम लागत में होंगी बंपर कमाई लौंग की खेती से,जानें इसे करने की पुरी जानकारी
लौंग की खेती कैसे करे
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इसकी उन्नत खेती करने के लिए बलुई दोमट मिट्टी तथा नम कटिबंधीय जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है और इसकी खेती को जलभराव वाली भूमि में नहीं करना चाहिए| जलभराव की स्थिति में इसके पौधों के ख़राब होने की सम्भावना बढ़ जाती है लौंग के पौधों को सामान्य वर्षा की आवश्यकता होती है, तथा अधिक तेज धूप और सर्दियों में गिरने वाला पाला इसके पौधों के लिए नुकसानदायक होता है पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए छायादार जगह और 30 से 35 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है इसकी खेती के लिए भूमि का P.H. मान सामान्य होना चाहिए ऐसे स्थिति में आप लौंग की खेती कर सकते है।
लौंग की खेती के लिए कैसे करे खेत की तैयारी
आपकी जानकारी के लिए बता दे की लौंग की फसल करने से पहले इसके खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना चाहिए।इसके लिए सबसे पहले खेत की तिरछी गहरी जुताई करनी चाहिए,जिससे पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जायेंगे।इसके बाद खेत में रोटावेटर लगा कर फिर दो से तीन जुताई करना चाहिए इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी,उसके बाद एक बार फिर खेत में पाटा लगा कर जुताई कर ले जिससे खेत पूरी तरह से समतल हो जायेगा, और खेत में जलभराव की समस्या नहीं रहेगी। इसके बाद खेत में 15 से 20 फ़ीट की दूरी रखते हुए एक मीटर व्यास चौड़े और डेढ़ से दो फ़ीट गहरे गड्ढो को तैयार कर लेना चाहिए। इन गड्डो को तैयार करते समय उन्हें प्राकृतिक और रासायनिक उवर्रक की उचित मात्रा को मिट्टी में मिलाकर गड्ढो में भर देना चाहिए। गड्ढो में मिट्टी को भरने के पश्चात उनकी गहरी सिंचाई कर देनी चाहिए, जिससे पानी अच्छी तरह से अंदर तक पहुंच सके।
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लौंग की खेती में सिंचाई कब करे
आपको बता दे की इसके पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है| इसमें पहली बार सिंचाई को पौधे के रोपाई के तुरंत बाद कर देना चाहिए। यदि पौधों को बारिश के मौसम में लगाया गया है,तो आवश्यकता पड़ने पर ही सिंचाई करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त जिन पौधों की रोपाई गर्मियों के मौसम में की गई है, उन्हें सप्ताह में एक बार पानी जरूर दे। वही सर्दियों के मौसम में इसके पौधों को 15 से 20 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए।ध्यान रहे की आपको लौंग के पोधो में अधिक सिंचाई नहीं करना है नहीं तो आपकी फसल भी ख़राब हो सकती है।
लौंग के पौधे की तुड़ाई और पैदावार और कितनी होगी कमाई
किसानों को कम लागत में होंगी बंपर कमाई लौंग की खेती से,जानें इसे करने की पुरी जानकारी
आपकी जानकारी के लिए बता दे की पौधे रोपाई के लगभग 4 से 5 वर्ष जैसे लम्बे समय बाद पैदावार देना शुरू करते है। इसके फल पौधों में गुच्छे के तरह लगते है, जो देखने में गुलाबी रंग के होते है। इसके फूलो को खिलने से पहले तोड़ लेना चाहिए। ताज़ी कलियाँ लालिमा लिए हुए हरी होती है। इसका फल अधिकतम 2 CM लम्बा होता है, जो सूखने के बाद लौंग का रूप ले लेता है वैसे तो |लौंग की शुरुआती पैदावार काफी कम होती है, किन्तु एक बार जब पौधा पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है, तो इसके एक पौधे में लगभग 2 से 3 KG लौंग प्राप्त हो जाती है। लौंग का मार्केट में कीमत लगभग 800 से 1000 रूपए तक रहती है, तथा एक एकड़ के खेत में 100 से अधिक पौधे तैयार हो जाते है। इस हिसाब से किसान भाई लौंग की खेती कर 3-4 लाख तक कमाई कर सकता है।