कम लागत में होंगा जबरदस्त फायदा कलिंगाद तरबूज की जैविक खेती से,जानें पुरी जानकारी
कम लागत में होंगा जबरदस्त फायदा कलिंगाद तरबूज की जैविक खेती से,जानें पुरी जानकारी मुनाफा किसान भाइयो क्या आप भी गर्मियों में ऐसी उन्नत खेती कर तगड़ा मुनाफा कमाने की सोच रहे है तो आज का ये आर्टिकल आपके लिए बेहद ही फायदेमन्द शाबित हो सकता है आज हम आपको इस आर्टिकल में ऐसे तरबूज की खेती की जानकारी देने जा रहे है जिसकी खेती कर आप भी तगड़ा मुनाफा कमा सकते हो,आईये जाने पूरी डिटेल्स।
कम लागत में होंगा जबरदस्त फायदा कलिंगाद तरबूज की जैविक खेती से,जानें पुरी जानकारी
कलिंगाद (तरबूज) की जैविक खेती कर हो जाओगे मालामाल
किसान भाइयो हम आपको जानकारी के मुताबिक़ बता दे की एक युवा किसान ने कलिंगाद (तरबूज) की जैविक खेती शुरू की है.जैविक होने की वजह से जहां लागत कम है वहीं बाजार में मुनाफा ज्यादा मिल रहा है और जहरीली खाद और कीटनाशकों का असर न होने की वजह से उसका स्वाद बहुत अच्छा है अब आप बताईये जैविक खेती करना फायदे का सौदा है या नहीं।
सौरभ खुटवाड नामक किसान ने करी कलिंगाद (तरबूज) की जैविक खेती की शुरुवात
किसान भाइयो हम आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे की सौरभ खुटवाड नामक किसान ने ऐसी पहल शुरू की है.उनका कहना है कि जैविक खेती में समय लगता है लेकिन रासायनिक खेती में उर्वरकों के दुष्प्रभाव होते हैं इसलिए डबल फायदा उठाने के लिए किसानों को निकट भविष्य में जैविक खेती करनी चाहिए जैविक खाद घर पर ही तैयार की जा सकती है,इसलिए इसमें ज्यादा लागत नहीं आती और यह शरीर के लिए हानिकारक भी नहीं है।
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सौरभ खुटवाड नामक किसान ने इतना किया उत्पादन
किसान भाइयो हम आपकी जानकारी के मुताबिक़ आपको बता दे की रोपण के 60वें दिन कलिंगाद (तरबूज) की कटाई शुरू कर दी गयी थी जिसमे उन्होंने सबसे पहली कटाई में 12 टन उपज निकाली है जिसका दाम उन्हें 14 से 16 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है जिसके बाद में उन्होंने दूसरी फसल से 4 से 5 टन फल का उत्पादन निकाला वही ये फल मीठा होने की वजह ग्राहक खेत से ही खरीद ले जा रहे है।
सौरभ खुटवाड नामक किसान ने इस तरह किया खाद का इंतजाम
कम लागत में होंगा जबरदस्त फायदा कलिंगाद तरबूज की जैविक खेती से,जानें पुरी जानकारी
किसान भाइयो हम आपकी जानकरी के लिए आपको बता दे की सौरभ खुटवाड नामक किसान ने उसके घर पर 25 प्रतिशत सड़े हुए गोबर से वर्मीकम्पोस्ट बनाया और प्रति एकड़ 1 टन का उपयोग किया. जीवामृत घोल तैयार किया.दस किलो गाय का गोबर,10 लीटर गोमूत्र,2 किलो बेसन,2 किलो काला गुड़ और 1 मुट्ठी गुड़ 180 लीटर पानी में एक साथ मिलाकर इस मिश्रण को आठ दिनों तक रखा फिर उसके बाद में किसान ने 4 दिन में ड्रिप के माध्यम से पौधों को डाला और रोपण के पंद्रह दिन बाद जीवामृत, गाय के गोबर से तैयार जीवाणु कल्चर आदि जैविक खाद डाल दी।