इस तरह से आम की खेती करके अमीर बन रहे हैं मध्य प्रदेश के किसान, ऐसे करें आम की खेती होगी बंपर कमाई
आम की खेती: आम फलों का राजा कहा जाता है और आम को सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग पसंद करते हैं. वैसे तो आजकल के समय में हर महीने और हर सीजन में आम मिलने लगा है.लेकिन आम का सीजन तो अप्रैल से लेकर जून तक को माना जाता है.
इस तरह करे आम की खेती,होगी बंपर पैदावार, इन बातों का ध्यान रखें किसान
आजकल किसान वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर आम का फसल उपजाने लगे हैं और इस तरह आम काफी ज्यादा पेड़ों पर लगता है और किसानों को ज्यादा मुनाफा होता है. आपको बता दें कि बच्चे को या बूढ़े हर किसी को आम काफी ज्यादा पसंद आता है.
इस तरह करे आम की खेती,होगी बंपर पैदावार, इन बातों का ध्यान रखें किसान
आज हम आपको आम की खेती करने का कुछ उन्नत तरीका बताने वाले हैं जिसको अपनाकर आप आम की खेती के द्वारा कम समय में मालामाल बन सकते हैं.
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इस तरह करे आम की खेती,होगी बंपर पैदावार, इन बातों का ध्यान रखें किसान
आम की खेती करते समय इन बातों का ध्यान रखें किसान –
- आम की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मिट्टी दोमट मिट्टी है लेकिन सभी प्रकार की मिट्टियों में इसकी खेती संभव है। थोड़ी शुष्क या कड़ी मिट्टी हो तो उसमे भी आम का बगीचा लगाया जा सकता है।
- वर्षा के मौसम में पानी इकट्ठा न हो इसका खास ख्याल रखा जाना चाहिए। साथ ही बेहतर जल निकास का प्रबंध भी होना चाहिए।
- आंशिक रूप से सिंचाई का प्रबंध होना चाहिए। यदि संभव तो ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को ही बगीचे में इंस्टॉल करें। ताकि पेड़ की अधिक प्रभावी सिंचाई हो सके। बूंदा बांदी से की गई सिंचाई पेड़ को अधिक फायदा देती है।
- ऐसे क्षेत्र का चयन करें जहां पुष्पन यानी मंजर के समय पानी बरसने की संभावना न्यूनतम हो, अन्यथा फसल पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
- प्रदूषित वातावरण में आम की खेती प्रभावी नहीं है, यदि जमीन ईंट भट्टों या चिमनियों के पास है तो ऐसे में वहां खेती न करें। इससे फसल प्रभावित होंगी।
आम की बुआई कब करें?
- आम की बुआई जून माह में करना सर्वोत्तम रहता है। हूं में 4 से 6 इंच वर्षा हो जाने के बाद गड्ढे तैयार कर लें। गड्ढे तैयार करने के बाद आम का रोपण करें।
- 15 जुलाई से लेकर 15 अगस्त के बीच आम का रोपण कभी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह संपूर्ण वर्षा का मौसम है। हमेशा संपूर्ण वर्षा के अवधि में आम की रोपाई को टालें।
- यदि पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध हों, तो ऐसे में फरवरी मार्च के महीने में आप आम का रोपण कर सकते हैं। यह समय आप की रोपाई हेतु उपयुक्त है।
आम की बागवानी कैसे करें?
- आम की बागवानी में ध्यान रहे रोपाई के बाद भी निम्न प्रक्रिया अनुसार खाद और उर्वरक पौधों में डालते रहें। हर वर्ष एक तय क्वांटिटी में पौधों को पोषक तत्व व उर्वरक पड़ना आवश्यक है।
- आम के बाग लगाने हेतु रोपण प्रक्रिया से पूर्व ही जमीन की सफाई समुचित तरीके से करें। और जिस जिस जगहों पर पेड़ लगाने हैं। तय दूरी के अनुसार उसे रेखांकित कर लें।
- आम के फलोद्यान में पौधों से पौधों की दूरी न्यूनतम 10 से 12 मीटर होना तो आवश्यक है।
- हालांकि सघन तकनीक में आम फलोद्यान लगाया जाता है, जिसमे मात्र 2.5 मीटर की दूरी पर ही गड्ढे खोद कर रोपाई कर ली जाती है।
- रोपाई के लिए हमेशा 1×1×1 मीटर आकार के गड्ढे खोदें।
- वर्षा ऋतु के पूर्व जून माह में प्रति गड्ढा 50 किलोग्राम गोबर खाद या जैविक खाद डालें। इसके अतिरिक्त 500 ग्राम सुपर फॉस्फेट एवं 750 ग्राम पोटाश और 50 ग्राम क्लोरोपायरीफ्रांस मिट्टी में अच्छी तरह मिला कर भर देना चाहिए।
- उपयुक्त समय आने पर ही गड्ढे में एक बेहतरीन किस्म के स्वस्थ आम के पेड़ का रोपण उस गड्ढे में करें।
- वर्षा ऋतु समाप्त होने के 7 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। यदि संभव हो तो बूंदाबांदी से सिंचाई हेतु ड्रिप सिंचाई उपकरण को जरूर लें। ड्रिप सिंचाई उपकरण पर सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
- जैविक खाद या जैविक खाद उपलब्ध ना हो तो गोबर खाद का उपयोग हर 6 महीने पर करते रहें। इसके साथ ही जून एवं अक्टूबर माह में रिंग बना कर इन खाद एवं उर्वरकों को देते रहें।