MP News In Betul: 8 साल का बच्चा खेलते हुए 400 फिट गहरे बोरवेल में गिरा, पाइप के जरिये ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा, देखे
MP News In Betul: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले (Betul) के एक गांव में मंगलवार को खेलते समय 8 आठ साल का एक बच्चा खेत में बने 400 फुट गहरे बोरवेल (Borewell) में गिर गया. बच्चा फिलहाल बोरवेल में 60 फुट की गहराई पर फंसा हुआ है. उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है. आठनेर थाना प्रभारी अनिल सोनी ने बताया कि घटना मंडावी गांव में मंगलवार शाम करीब 5 बजे हुई. उस दौरान 8 साल का तन्मय दियावर खेत में खेल रहा था, तभी वह बोरवेल में गिर गया.
8 साल का बच्चा खेलते हुए 400 फिट गहरे बोरवेल में गिरा
MP News In Betul: 8 साल का बच्चा खेलते हुए 400 फिट गहरे बोरवेल में गिरा, पाइप के जरिये ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा, देखे
60 फीट गहराई के पाइप में फस चूका था बच्चा
थाना प्रभारी के मुताबिक बच्चा बोरवेल (Borewell) में करीब 60 फुट की गहराई में फंसा हुआ है. उसे बोरवेल से बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया गया है. बोरवेल के आसपास से मिट्टी की खुदाई करने के लिए मशीन मंगाई गई है. साथ ही बच्चे को ऑक्सीजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. पुलिस के साथ ही SDRF की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है और बच्चे को बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं. गांव के काफी लोग भी बोरवेल के आसपास जमे हुए हैं.
पाइप के जरिये ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा, देखे
2 साल से बंद पड़े बोरवेल में गिर हुआ बुरा हाल
सूत्रों के मुताबिक जिस बोरवेल (Borewell) में बच्चा गिरा है, वह करीब 2 साल से बंद पड़ा था और उसे चारो ओर से बोरी से ढंका गया था. लेकिन खेलते समय बच्चे ने वह बोरी खोली. उसी दौरान बैलेंस न बनने की वजह से वह उसमें गिर गया. पुलिस के मुताबिक बोरवेल की गहराई करीब 400 फुट है. हालांकि करीब 60 फीट की गहराई पर बोरवेल में बड़े पत्थर पड़े हैं. इसलिए बच्चा वहां जाकर अटक गया है.
हॉस्पिटल में भर्ती है बच्चा हालत है गंभीर
ऐसे बोरवेल को खुले रखे गए लोगो द्वारा उन पर होगी कार्यवाही
बचाव कार्य में जुटे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बोरवेल (Borewell) के आसपास से मिट्टी खोदने के लिए 3 पोकलेन मशीनें लगाई गई हैं. मिट्टी हटने के बाद साइड से बोरवेल को काटकर बच्चे को निकालने की कोशिश की जाएगी. बच्चे सांस लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए पाइप के जरिए उसे नीचे ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. साथ ही उसे जूस और लिक्विड भी नीचे पहुंचाया जा रहा है. बच्चे से बात करने की भी कोशिश की जा रही है, जिससे वह घबराए नहीं.