वैज्ञानिको ने ऐसी तकनीक निकली है,की बहुत ही कम दिनो में गेहूं की फसल तैयार हो जाएंगी,जानें पुरी जानकारी
वैज्ञानिको ने ऐसी तकनीक निकली है की बहुत ही कम दिनो में गेहूं की फसल तैयार हो जाएंगी गेहूं से अधिक पैदावार कैसे लें।गेहूं की वैज्ञानिक खेती। 60 से 65 दिन में तैयार होने वाली गेहूं किस्म।वैज्ञानिकों रहे है नई तकनीक का बीज तैयार।
वैज्ञानिको ने ऐसी तकनीक निकली है,की बहुत ही कम दिनो में गेहूं की फसल तैयार हो जाएंगी,जानें पुरी जानकारी
गेहूं की फसल तैयार करने का तरीका
गेहूं की फसल पकने में लगभग 155 से 160 दिन का समय लेती है।लेकिन पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं।जिसमें गेहूं के ऐसे बीजों का निर्माण होगा जो 60 से 65 दिन में पैक कर तैयार हो जाएंगे।इसके लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एक एक्सेल ब्रीड लैब (excel breed lab) तैयार की है।इस लैब में वैज्ञानिक गेहूं की कम समय में पकने वाली नयी किस्म पर रिसर्च करेंगे और उनको तैयार करके किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। जिससे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।
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एक्सेल ब्रेड लैब (excel breed lab) क्या है
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के शोध संस्थान ने अपने विद्यालय में एक ऐसी लैब का निर्माण किया है। जो गेहूं के ऐसे बीजों का निर्माण करेगी जो कम समय में पैक कर तैयार होते हैं। इस लैब में तैयार गेहूं के बीच 60 से 65 दिन में पैक कर तैयार हो जाएंगे और उनकी पैदावार भी 150 से 55 दिन में पकाने वाले बीजों के मुकाबले अधिक होगी। वैज्ञानिक आगे ऐसी नई-नई किस्म की खोज करने में लगे हुए हैं।एक्सेल ब्रीड लैब पूरे भारत में एक ही बनाई है, और वह भी पंजाब एग्रीकल्चर कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित की गई है।इसका उद्घाटन हो गया है।
देखें किसानों को क्या लाभ होंगा
वैज्ञानिको ने ऐसी तकनीक निकली है,की बहुत ही कम दिनो में गेहूं की फसल तैयार हो जाएंगी,जानें पुरी जानकारी
इससे किसानों के लिए ऐसी किस्म का निर्माण होगा।जो कम समय में पकेंगे और पुरे समय में पकने वाली किस्मों के बराबर ही पैदावार निकाल कर देंगे।बढ़ती जनसंख्या के कारण आने वाले समय में अनाज की अधिक आवश्यकता पड़ेगी।जिसको पूरा करने के लिए ऐसी किस्म का निर्माण किया जा रहा है।इन किस्म से आप गेहूं की फसल को साल में दो बार ले सकते हैं।इन किस्मों के तैयार होने से किसानों का फसल पर खर्च घटेगा और उसकी आय बढ़ेगी।