हाई ब्लड प्रेशर में कौन सी एक्सरसाइज कारगर है जानें इससे होंगे काफी फायदे
जब हाई ब्लड प्रेशर की बात आती है तो डॉक्टर अक्सर तेज चलने, साइकिल चलाने या तैरने का आदेश देते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों का सुझाव है कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद के लिए ‘प्लैंक’ या ‘वॉल-सिट’ करना बेहतर व्यायाम है।
हाई ब्लड प्रेशर में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए
Heath Tips: जब हाई ब्लड प्रेशर की बात आती है तो डॉक्टर अक्सर तेज चलने, साइकिल चलाने या तैरने का आदेश देते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों का सुझाव है कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद के लिए ‘प्लैंक’ या ‘वॉल-सिट’ करना बेहतर व्यायाम है।
प्लैंक क्या है
बेली फैट बर्न करना और उन एब्स को पाना दूसरी रूटीन एक्सरसाइज करने की तुलना में मुश्किल काम है। एक एक्सरसाइज है, जो निश्चित रूप से कोर स्ट्रेंथ को फायदा पहुंचाती है और पेट की चर्बी को कम करती है, वो है प्लैंक (Plank) एक घंटे एक्सरसाइज करने से उतना फैट बर्न नहीं होगा, जितना कुछ मिनट प्लैंक करने से होने लगेगा।असल में प्लैंक वजन घटाने के लिए उन इफेक्टिव एक्सरसाइज में से एक है, जो आपकी बॉडी को अंदर से स्ट्रॉन्ग बनाते हुए शेप में लाती है। इसे आप कहीं भी कर सकते हैं, जिम में या अपने घर में. अपने पेट को फैट फ्री का बनाने के लिए आपके वर्कआउट रूटीन में प्लैंक को कभी भी और कहीं भी जोड़ा जा सकता है।
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कहां कर सकते हैं प्लैंक
प्लैंक को स्थिर सतह यानी स्टेबल सरफेस जैसे फर्श या प्लेटफॉर्म और अनस्टेबल सरफेस दोनों पर किया जा सकता है। दोनों के बीच अंतर ये है कि इसे फर्श पर करने की तुलना में अनस्टेबल सरफेस पर करते समय बढ़ी हुई कोर एक्टिविटी की ज़रूरत होती है।
हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है
हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें हैं, जिसके कारण और भी कई बीमारियाँ हो सकती हैं। बीपी बढ़ने के क्या लक्षण है, यह कई सालों तक पता नहीं चलता है और बिना किसी लक्षण के बढ़ते रहता हैं। इसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। एक बार जब हाइ ब्लड प्रेशर का पता लग जाए उसके बाद दवाइयों और हेल्दी लाइफ स्टाइल के द्वारा इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।वहीं दूसरी
तरफ क्लिनिकल डेटा की समीक्षा में पाया गया कि जहां ‘कार्डियो’ या एरोबिक वर्कआउट फायदेमंद थे, वहीं मांसपेशियों को काम करने के लिए डिज़ाइन किए गए स्थिर व्यायामों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा।पहले सुझाव – जैसे चलना और दौड़ना हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता हैं जो व्यायाम के नए रूपों, जैसे हाई ब्लड प्रेशर अंतराल प्रशिक्षण (HIIT) और आइसोमेट्रिक व्यायाम को बाहर करती हैं। अब वैज्ञानिकों का सुझाव है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद के लिए ‘प्लैंक’ या ‘वॉल-सिट’ करना बेहतर व्यायाम है।बता दें साल 1990 और 2023 के बीच लगभग 16,000 प्रतिभागियों को शामिल करते हुए 270 टेस्ट के उनके विश्लेषण में व्यायाम की सभी विभिन्न श्रेणियों के बाद सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को आराम देने में महत्वपूर्ण कमी पाई गई।
हाई ब्लड प्रेशर का मेरे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है
हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण शायद ही कभी ध्यान देने योग्य होते हैं। लेकिन अगर इलाज न किया जाए, तो इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। वहीं यूके में चार में से एक से अधिक वयस्कों को उच्च रक्तचाप है, हालांकि कई लोगों को इसका एहसास नहीं होगा। यह पता लगाने का एकमात्र तरीका है कि आपका हाई ब्लड प्रेशर है या नहीं, अपने ब्लड प्रेशर चेक करवाएं।
इस तरह से चेक करें ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर 140/90mmHg या इससे अधिक माना जाता है
नार्मल ब्लड प्रेशर 90/60mmHg और 120/80mmHg के बीच माना जाता है
लो ब्लड प्रेशर 90/60mmHg या उससे कम माना जाता है
120/80mmHg और 140/90mmHg के बीच ब्लड प्रेशर पढ़ने का मतलब यह हो सकता है कि यदि आप अपने रक्तचाप को नियंत्रण में रखने के लिए कदम नहीं उठाते हैं तो आपको हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा है।
ब्लड प्रेशर बढ़ने से क्या होता है
एन्यूरिज्म: ब्लड प्रेशर के बढ़ने से कोशिकाएं कमज़ोर हो जाती हैं और ये एन्यूरिज्म का रूप ले लेती हैं| यह काफ़ी खतरनाक हो सकता है। एन्यूरिज्म धमनियों के स्थानीय उभार को कहते हैं।
हार्ट फेल्योर: हाई बीपी से कोशिकाओं पर ज़्यादा दबाव पड़ता है जिसके कारण ह्रदय की मांसपेशियां भारी हो जाती हैं। ऐसे में शरीर की जरूरत के मुताबिक रक्तप्रवाह नहीं होता है और हार्ट फेल्योर की समस्या हो सकती है।
दिल का दौरा: हाई ब्लड प्रेशर से शरीर की कोशिकाएं सख्त और मोटी हो जाती हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक और दूसरी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।
मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं – अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर आपकी सोचने और सीखने की क्षमता पर प्रभाव डालता है। याददाश्त की समस्याएं हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में सामान्य मानी जाती है।
हाइपरटेंशन होने के क्या कारण है
तनाव
आज के आधुनिक युग मे हर कोई स्ट्रेस से ग्रस्त है| पहले यह बीमारी बुज़ुर्गो में पाई जाती थी लेकिन अब यह युवको और बच्चों को भी होने लगी है| नौकरीपेशा लोग दफ़्तर के काम से स्ट्रेस में रहते हैं, वही ग्रहणी, जिन्हें घर संभालने का स्ट्रेस होता है। स्ट्रेस के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले हॉर्मोन्स निकलते हैं जो रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालते है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
सिग्रेट और शराब का सेवन
अगर आप कभी कभार सिग्रट पीते हैं, तब भी आपको हाइपरटेंशन हो सकता है। सिग्रेट में निकोटिन कोशिकाओं को संकुचित कर देता है। ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन भी आपको हाइपरटेंशन का शिकार बना सकता है।