अब 22 भारतीय भाषाओं में होगी CBSE की पढ़ाई,28 हजार स्कूलों में जारी की गई एडवाइजरी
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शिक्षा मंत्रालय ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है और अब सीबीएससी में अब तक हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में ही पढ़ाई होती थी. लेकिन अब सीबीएसई में हिंदी अंग्रेजी के साथ 22 भारतीय भाषाओं में पढ़ाई होगी. स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव संजय कुमार ने जानकारी दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पांचवी तक के बच्चों को अपनी मातृभाषा में ही पढ़ाया जाना चाहिए.
CBSE के इस फैसले से मजबूत होगी शिक्षा नीति
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इस बार नए पाठ्यक्रम के अनुसार यह बड़ा फैसला लिया गया है और अब एनसीईआरटी हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही 22 भारतीय भाषाओं की किताबें छापे जाएंगे. स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव ने जानकारी दिया कि हमने एनसीईआरटी से कहा कि पूरा सिलेबस 22 भाषाओं में छापा जाए.
22 भाषाओं में छापे जाएंगे किताब
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यह भाषा है भारत के संविधान अनुच्छेद 8 में है.सीबीएसई ने भी अपनी सभी 28000 स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर दी है.उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह बहुत ही दूरगामी फैसला लिया गया है क्योंकि मैं समझता हूं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत का भविष्य का डीएनए है.
बच्चा अगर बचपन से ही अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करेगा तो उसे अपनी मातृभाषा के बारे में जानकारी प्राप्त होगी.हिंदी इंग्लिश के साथ ही बच्चों को अपनी मातृभाषा के बारे में जानकारी होना चाहिए इसलिए सीबीएसई के द्वारा या बड़ा फैसला लिया गया है.
अब 28000 स्कूलों के लिए यह एडवाइजरी जारी की गई है और जल्दी भारत के सभी स्कूलों में 22 भाषाओं में किताबें छप्पर जाएंगे. एनसीईआरटी गया फैसला सभी के हित में लिया गया है और इससे शिक्षा निधि मजबूत होगी साथ ही साथ बच्चों के पढ़ाई भी काफी बेहतरीन हो जाएगी.