बेहद चौकाने वाला सच: जिंदा महिलाओं के साथ-साथ लाशो से भी शारीरिक सम्बन्ध बनाते है अघोरी बाबा
अघोरी साधना आमतौर पर श्मशान घाट में की जाती है और ये बाबा श्मशान घाट में ही निवास करते हैं. घोर काली रात में वे तंत्रविद्या करते हैं। लाशों का संग करना, लाखों अधजली लाशों का मांस खाना उनके लिए बिल्कुल सामान्य बात है। साधु-संतों की ये बिरादरी आम लोगों के बीच नहीं रहती है बल्कि जंगल-पहाड़ों और गुफाओं में रहती है. ये बाबा कुंभ, महाकुंभ जैसे खास मौकों पर ही बाहर आते हैं और जल्द ही अपनी दुनिया में वापस लौट जाते हैं. लेकिन साधु-संतों की बिरादरी में एक बात आमतौर पर देखी जाती है कि वे अविवाहित होते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. लेकिन अघोरी बाबाओं के मामले में ऐसा नहीं है
बेहद चौकाने वाला सच: जिंदा महिलाओं के साथ-साथ लाशो से भी शारीरिक सम्बन्ध बनाते है अघोरी बाबा
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शव के साथ संबंध बनाते हैं अघोरी बाबा
अघोरी बाबा, साधु-संतों की ही एक अलग बिरादरी है. अघोर साधना आमतौर पर श्मशान घाट में की जाती है और ये बाबा श्मशान घाट में ही रहते हैं. घनी काली रात में वे तंत्र-मंत्र करते हैं. शवों के साथ संबंध बनाते हैं, अधजली लाखों का मांस खाते हैं. सुनने में अघोरियों का जीवन और उनके काम खासे वीभत्स लगते हैं
बेहद चौकाने वाला सच: जिंदा महिलाओं के साथ-साथ लाशो से भी शारीरिक सम्बन्ध बनाते है अघोरी बाबा
लेकिन ये उनका शिव जी की साधना करने का अलग तरीका है. कहा जाता है कि अघोरी बाबा महिलाओं से मासिक धर्म के दौरान संबंध बनाते हैं. साथ ही वे शव के साथ भी संबंध बनाते हैं. उनका मानना है कि यदि वे शारीरिक संबंध बनाने के दौरान भी भगवान की भक्ति कर सकते हैं तो यह उनकी साधना को एक ही अलग स्तर देता है
वेशभूषा भी रोचक होती है
अघोरी बाबाओं के जीवन, भगवान की भक्ति करने के अनूठे तरीके के साथ-साथ उनकी वेशभूषा भी खासी अजीब होती है. अघोरी बाबा अपने शरीर पर राख लपेटते हैं, लंबी जटाएं रखते हैं और जानवरों की खाल पहनते हैं. अघोरियों का मानना है कि शव के साथ संबंध बनाने से उनकी तंत्र शक्ति प्रबल होती है. अघोरियों को कुत्तों से बहुत प्रेम होता है, वे हमेशा अपने साथ कुत्ता रखते हैं. इसके अलावा अघोरी बाबा कई तरह के नशे भी करते हैं.