ganesh chaturthi 2023 : जाने कैसे करे स्थापन ,क्या क्या रखना चाहिए धयान पढ़े पूरी ख़बर। ….

ganesh chaturthi 2023 :

गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में सबसे अधिक मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, हाथी के सिर वाले देवता, बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान और शुरुआत के देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण पहलू घरों और सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना है। इस लेख में, हम आपको मूर्ति स्थापना अनुष्ठान कैसे करें, इसके बारे में मार्गदर्शन करेंगे और कुछ महत्वपूर्ण विचारों पर प्रकाश डालेंगे।

ganesh chaturthi 2023
ganesh chaturthi 2023 : जाने कैसे करे स्थापन ,क्या क्या रखना चाहिए धयान पढ़े पूरी ख़बर। ….

मूर्ति स्थापना प्रक्रिया:

  1. मूर्ति का चयन: भगवान गणेश की एक मूर्ति चुनकर शुरुआत करें। मूर्तियाँ विभिन्न आकारों और सामग्रियों में उपलब्ध हैं। पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देने के लिए आप पर्यावरण-अनुकूल मिट्टी की मूर्ति का विकल्प चुन सकते हैं।
  2. स्थल की तैयारी: मूर्ति स्थापना के लिए एक स्वच्छ और पवित्र स्थान बनाएं। इसे अपनी परंपरा के अनुसार फूलों, रंगोली और अन्य सजावट से सजाएं।
  3. खुद को शुद्ध करें: शुरू करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पवित्रता एवं श्रद्धा की स्थिति में रहना आवश्यक है।
  4. प्रार्थना और मंत्र: स्थापना की शुरुआत प्रार्थना और गणेश मंत्रों के जाप से करें। सफल और बाधामुक्त जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लें।
  5. मूर्ति की स्थापना: मूर्ति को एक साफ मंच या वेदी पर रखें, अधिमानतः पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके। इसे शुभ माना जाता है।
  6. प्रसाद: देवता को फल, मिठाई (मोदक भगवान गणेश को पसंदीदा माना जाता है), फूल, धूप और आरती चढ़ाएं। भक्त अक्सर नारियल, दूर्वा घास (बरमूडा घास), और हल्दी-कुमकुम (हल्दी और सिन्दूर) भी चढ़ाते हैं।
  7. आरती और भजन: भक्ति गीत (भजन) गाएं और जलते दीपक से आरती करें। इस अनुष्ठान के दौरान घंटियाँ बजाने की प्रथा है।
  8. प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं: अपनी हार्दिक प्रार्थनाएं करें और भगवान गणेश को अपनी शुभकामनाएं बताएं।

महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

  1. पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियां: पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए मिट्टी या प्राकृतिक सामग्री से बनी पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियां चुनें।
  2. प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों से बचें: पीओपी की मूर्तियां जल निकायों में विसर्जित करने पर जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। पर्यावरण-अनुकूल विकल्प चुनें।
  3. प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें: यदि आप मूर्ति को सजाने की योजना बना रहे हैं, तो प्राकृतिक, गैर विषैले रंगों का उपयोग करें और हानिकारक रसायनों से बचें।
  4. कृत्रिम तालाबों में विसर्जन: जब मूर्ति विसर्जन का समय हो, तो प्राकृतिक जल निकायों में मूर्तियों को विसर्जित करने के बजाय इस उद्देश्य के लिए बनाए गए कृत्रिम तालाबों या टैंकों को चुनें।
  5. पर्यावरण जागरूकता: अपने समुदाय के बीच पर्यावरण-अनुकूल समारोहों के बारे में जागरूकता फैलाएं और जिम्मेदार प्रथाओं को प्रोत्साहित करें।

गणेश चतुर्थी सिर्फ एक त्योहार नहीं है; यह अध्यात्म और प्रकृति से जुड़ने का अवसर है। इन दिशानिर्देशों का पालन करके और मूर्ति स्थापना अनुष्ठान को भक्ति और जिम्मेदारी के साथ करके, आप पर्यावरण के प्रति सचेत रहते हुए परंपरा का सम्मान करते हुए गणेश चतुर्थी मना सकते हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश आपको बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद दें!

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