Heath Tips: कॉपर चार्ज्ड वॉटर से बढ़ सकती है एसिडिटी,कितनी मात्रा में और कब पीना है सही
अब गर्मी रोजाना तेजी से बढ़ती जा रही है। कल ही मैंने पानी पीने के लिए मिट्टी का मटका खरीदा। हॉस्टल में मेरे रूम के बगल में आयुषी का कमरा है। उसे पानी के मामले में सर्दी-गर्मी का कोई असर नहीं पड़ता। वो हर मौसम में पानी पीने के लिए तांबा यानी कॉपर के ग्लास और जग का इस्तेमाल करती है।
Heath Tips: कॉपर चार्ज्ड वॉटर से बढ़ सकती है एसिडिटी,कितनी मात्रा में और कब पीना है सही
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एक साल पहले किसी ने उसे कॉपर चार्ज्ड वॉटर पीने की सलाह दी थी, तब से वो ऐसा कर रही है।
इतनी गर्मी में भी तांबे का पानी पीना क्या सही है, गर्मी की वजह से तांबा जैसी धातु में कोई रिएक्शन तो नहीं होता, किन लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए
Heath Tips: कॉपर चार्ज्ड वॉटर से बढ़ सकती है एसिडिटी,कितनी मात्रा में और कब पीना है सही
सवाल: क्या है कॉपर चार्ज्ड वॉटर? जवाब: तांबे के बर्तन, बोतल या जग में पानी भरकर उसे आठ घंटे के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी को पिएं। इस प्रक्रिया को ऑलिगोडायनेमिक इफेक्ट कहते हैं, जिसमें तांबे के गुण पानी में मिल जाते हैं। यही पानी ताम्र जल या कॉपर चार्ज्ड वॉटर कहलाता है। तांबा पानी में मौजूद कई प्रकार के बैक्टीरिया को खत्मकर उसका शुद्धीकरण करता है। पानी को बारह घंटे से ज्यादा न रखें।
सवाल: लोग तांबे के बर्तन में पानी रखकर क्यों पीते हैं?
जवाब: ईशा फाउंडेशन के फाउंडर जग्गी वासुदेव जिन्हें लोग सदगुरु के नाम से जानते हैं, उनके मुताबिक,
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में वात, पित्त और कफ का बैलेंस बना रहता है जो हमारे शरीर को कई रोगों से बचाता है।
तांबा एक खनिज है, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी है।
ये एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। जो हीमोग्लोबिन बनाने और कोशिकाओं को डेवलप करने में मददगार होता है।
सवाल: तो क्या गर्मी में भी तांबा का पानी पी सकते हैं?
जवाब: हां पी सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा-
सबसे पहले 8 घंटे से ज्यादा समय तक रखा पानी न पिएं।
एक स्वस्थ व्यक्ति दिनभर में ज्यादा से ज्यादा 2 गिलास ही तांबे का पानी पिएं।
सवाल: गर्मी और तांबे के पानी को आपस में क्या दिक्कत है?
जवाब: आयुर्वेद में तांबे का उपयोग भस्म के तौर पर किया जाता है। इसमें तांबे के धातु गुणों को मारा जाता है, फिर यूज में लाया जाता है। कच्चे तांबे में पानी पीने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
तांबे में 8 घंटे से ज्यादा समय तक अगर पानी रखते हैं तो इससे पानी की तासीर गर्म हो जाती है।
इस वजह से गर्मी के मौसम में गर्म तासीर वाला पानी पीने से कई तरह की शारारिक दिक्कतें हो सकती हैं। कुछ भी पचाने में प्रॉब्लम हो सकती है।
सवाल: कुछ लोगों को 12 महीने यानी हर दिन तांबे के बर्तन में पानी पीने की आदत होती है क्या ये सही है?
जवाब: नहीं, पूरा दिन तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए।
सवाल: किन लोगों को तांबे का पानी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए?
जवाब: कुछ खास बीमारी वाले लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने और इसमें खाना खाने से बचना चाहिए।