July 27, 2024

किसान नीलगिरि की खेती कैसे करे, किसानो को खेती के लिए मिलेगी अच्छी सब्सिड़ी इस खेती से किसान अच्छा मुनाफा भी कर सकते है

किसानो को नीलगिरि की खेती कैसे करे, किसानो को खेती के लिए मिलेगी अछि सब्सिड़ी इस खेती से किसान अच्छा मुनाफा भी कर सकते है

जानें, कैसे मिलेगा योजना का लाभ और क्या है आवेदन की प्रक्रिया

किसानो को नीलगिरि की खेती कैसे करे, किसानो को खेती के लिए मिलेगी अछि सब्सिड़ी इस खेती से किसान अच्छा मुनाफा भी कर सकते है

किसान जाने नीलगिरि की खेती कैसे करे अगर आप भी किसान हो और अच्छी आमदानी करना चाहते हो तो आप के लिए यह काफी अछि जानकारी इसमें दी गयी है इसमें सारी जानकारी दी गयी है सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए किसानों को कई प्रकार की लाभकारी कृषि योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है जिससे उन्हें सस्ती दर पर खाद, उर्वरक, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं। इसी क्रम में किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के उद्‌देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नीलगिरी की खेती के लिए 25 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार, राज्य में वन आधारित फसलों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नीलगिरी की खेती का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकार खुद किसानों से नीलगिरी की फसल खरीदेगी जिससे उन्हें इसे बचने के लिए इधर-उधर भटकने की भी आवश्यकता नहीं है। इस योजना के तहत किसान भाई आवेदन करके राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ पाने के लिए राज्य के किसान अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय और वन विभाग के आधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। आज हम दैनिक सत्ता के माध्यम से किसानों को नीलगिरी की खेती से होने वाले लाभ और इस पर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं।

जाने नीलगिरि की खेती कर किसान कैसे अच्छा मुनाफा कमाते है और कैसे लाभ कारी है

नीलगिरी को यूकेलिप्टस भी कहते हैं। इसके पेड़ बहुत ऊंचे होते हैं। इनसे इमारती लकड़ी प्राप्त होती है जिनका इस्तेमाल जहाज बनाने, इमारती खंभे और फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसकी पत्तियों से तेल निकाला जाता है जिसका उपयोग गले, नाक, गुर्दे तथा पेट की बीमारियों में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग सर्दी जुकाम में औषधि के रूप में किया जाता है। इस पेड़ से एक प्रकार का गोंद भी प्राप्त होता है। इस पेड़ की छाल को कागज और चमड़ा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

नीलगिरी की लकड़ी का क्या है बाजार भाव

नीलगिरी की लकड़ी की मांग बाजार में बहुत रहती है। इसकी लकड़ी से सस्ते फर्नीचर बनाएं जाते हैं। बाजार में नीलगिरी की लकड़ी का भाव 6-7 रुपए किलोग्राम है

कैसे होती है नीलगिरी की खेती

नीलगिरी के पौधे को खास मिट्‌टी और जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है, इसके पौधे सामान्य मिट्‌टी और जलवायु में उगाए जा सकते हैं। इसकी खेती के लिए 30-35 डिग्री तक तापमान अच्छा रहता है। इसे बीज या कलम दोनों तरीके से उगाया जा सकता है। इसके पौधे काफी लंबे होते हैं, इसलिए इन्हें जमीन में ही रोपा जाता है। इसके पौधे के ठीक तरह से विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश, हवा, पानी की आवश्यकता होती है। यदि सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो इससे काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। किसान, चाहे तो अपनी खेत की मेड़ पर भी इसे उगाकर बेहतर लाभ कमा सकते हैं। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ ही किसानों की इनकम भी बढ़ जाएगी। 

किसानो को नीलगिरि की खेती कैसे करे, किसानो को खेती के लिए मिलेगी अछि सब्सिड़ी इस खेती से किसान अच्छा मुनाफा भी कर सकते है

नीलगिरी की खेती के लिए कितनी मिलेगी सब्सिडी

नीलगिरी की खेती के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों कुल 25 हजार रुपए की सब्सिडी दे रही है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी की राशि का वितरण इस प्रकार से किया जाएगा।

। वहीं एक पेड़ से किसान को करीब 400 किलोग्राम लकड़ी मिल होती है। इस तरह किसान यदि एक एकड़ में नीलगिरी के 1000 पौधे लगते है तो वह काफी आमदनी हो सकती है तो उसे काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। बता दें कि नीलगिरी का पेड़ पांच साल में अच्छी तरह से विकसित हो जाता है।

  • प्रथम वर्ष में नीलगिरी के पौधे के लिए 11000 रुपए अनुदान देय होगा।
  • द्वितीय वर्ष में 7000 रुपए की राशि अनुदान के रूप में मिलेगी।
  • तृतीय वर्ष में 7000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
  • इस तरह नीलगिरी की खेती के लिए किसानों को कुल 25000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

नीलगिरी पर अनुदान के लिए आवेदन हेतु किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

नीलगिरी की खेती पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण दस्तोवजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का स्थाई निवास प्रमाण-पत्र
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का आय प्रमाण-पत्र
  • आवेदक का बैंक खाता विवरण इसके लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • जमीन के कागजात जिसमें खसरा खतौनी की कॉपी
  • आवेदक का आधार से लिंक मोबाइल नंबर आदि।

नीलगिरी की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को सबसे पहले अपने नजदीकी वन विभाग कार्यालय जाना होगा। यहां संबंधित अधिकारी से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। अब इस आवेदन फार्म में मांगी गई सभी जानकारी को ठीक से भरना होगा। इसके बाद फार्म में मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को इसके साथ अटैच करना है। अब इस फार्म को आपको वापिस वन विभाग के कार्यालय में जमा कर देना है। इस तरह आप नीलगिरी की खेती के लिए अनुदान का लाभ सरकार से प्राप्त कर सकते हैं। 

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