कम समय में आपको मालामाल बना देगी लीची की खेती,जानिए लीची की खेती करने का तरीका

लीची की खेती : खेती-बाड़ी में वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने से आजकल लगातार खेती में बढ़ोतरी होने लगा है. आपको बता दें कि खेतीबाड़ी से मुनाफा काफी ज्यादा होने लगा है क्योंकि खेती में कई तरह के उन्नत तकनीकों का उपयोग होता है.

माटी कहे तो लीची की मांग भारत में खूब बनी रहती है और लीची की खेती करने से लोगों को काफी ज्यादा फायदा भी मिलता है. लीची का फल माई जून के महीने में आता है और यह फल काफी फायदेमंद होता है. कई तरह की बीमारियों को दूर करने में लिखी मददगार होता है.

कम समय में आपको मालामाल बना देगी लीची की खेती,जानिए लीची की खेती करने का तरीका

कम समय में आपको मालामाल बना देगी लीची की खेती,जानिए लीची की खेती करने का तरीका

आपको बता दें कि नीचे से कई तरह के पेय पदार्थ और कई तरह की सामग्रियां बनाई जाती है. अगर आप लीची की खेती करना चाहते हैं तो आपको सही तरीके का उपयोग करना होगा क्योंकि सही तरीके के उपयोग के बिना आप लीची की खेती करके अमीर नहीं बन पाएंगे।

पौधा तैयार करने के लिये मई-जून के महीने में पेड़ की स्वस्थ डाली को चुनें.

कम समय में आपको मालामाल बना देगी लीची की खेती,जानिए लीची की खेती करने का तरीका

डाली के सिरे से 40-50 सेमी. पीछे की ओर चाकू से गोलाई में 2 सेमी. का छल्ला बनायें.

इस रिंग या छल्ले पर आईबीए की 2000 पी.पी.एम. मात्रा का पेस्ट बनाकर लगायें.

कम समय में आपको मालामाल बना देगी लीची की खेती,जानिए लीची की खेती करने का तरीका

पेस्ट लगाने के बाद रिंग पर गूटी बांधने के लिये नमी युक्त मॉस घास से ढकें और उसे पॉलीथिन से कवर करके सूतली रस्सी से टाइट बांध दें.

लीची के पेड़ पर गूटी बांधने के बाद 2 महीने में जड़ें निकल आती है, जिसके बाद डाली की आधी पत्तियों को हटाकर छायादार स्थान में रोपाई कर देनी चाहिये.

कम समय में आपको मालामाल बना देगी लीची की खेती,जानिए लीची की खेती करने का तरीका

ऐसे करें लीची की रोपाई
मानसून की अच्छी बारिश पड़ने बाद ही लीची के पौधों की रोपाई बाग में करनी चाहिये. इसके लिये जून-जुलाई का महीना ठीक रहता है, इस समय बारिश के कारण पौधों की तेजी से बढ़वार हो जाती है.

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रोपाई से पहले खेत में 10X10 मीटर की दूरी पर 1X1X1 आकार के गड्ढों की खुदाई करें.

इस गड्ढों को 2-3 टन गोबर की सड़ी खाद, 2 किलो नीम की खली, 1 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और मिट्टी के मिश्रण से भर दें.

जिन इलाकों में बारिश और जल भराव अधिक है, वहां गड्ढों को 20-25 सेमी की ऊंचाई तक भरना चाहिये.

इन गड्ढों में लीची के पौधों की रोपाई करें और हल्की सिंचाई का काम भी कर लें.

लीची का उत्पादन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, खेत में लीची के पौधे (Litchi Plantation) लगाने पर 15-20 सालों में ये मजबूत पेड़ बन जाते हैं, जिनसे हर साल 100 किलोग्राम फल मिल जाते हैं. बाजार में क्वालिटी के हिसाब से लीची को 80-200 रुपये किलो के भाव पर बेचा जाता है.

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