Period Pen : पीरियड में अत्यधिक दर्द का क्या कारन क्या है और कब डॉक्टर से मिलाना चाहिए
Period Pen : अगर किसी महिला को पीरियड्स के दौरान बहुत तीव्र दर्द हो, तो इसे हल्के में न लें। डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, गर्भाशय में फाइब्रॉइड के कारण भी ऐसा हो सकता है। डॉ. शोभा आगे बताती हैं, फाइब्रॉइड अपने आप में कोई घातक समस्या नहीं है। लेकिन, इसकी वजह से यूट्रस में काफी ज्यादा असहजता हो सकती है। यहां तक कि इसकी वजह से एनीमिया जैसी बीमारी होने का रिस्क भी बढ़ जाता है।
Period Pen : पीरियड में अत्यधिक दर्द का क्या कारन क्या है और कब डॉक्टर से मिलाना चाहिए
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज-
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का मतलब होता है कि महिला के प्रजनन अंग में संक्रमण होना। अगर किसी महिला के प्रजनन अंग में इंफेक्शन हो जाए, तो इसकी वजह से फैलोपियन ट्यूब, ओवरी और यूट्रस में भी दिक्कत हो सकती है। यही नहीं, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की वजह से पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द का अहसास होता है। अगर आपको रेगुलर पीरियड्स होते हुए तीव्र दर्द हो, तो इसकी अनदेखी न करें। बेहतर है, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की वजह से-
पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम एक सामान्य समस्या है। यह हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। जिन महिलाओं को पीएमएस होता है, उन्हें अक्सर पीरियड्स के एक से दो हफ्ते पहले हार्मोनल अंसतुलन होने लगता है। इस कंडीशन में पीरियड्स के दौरान दर्द हो सकता है। हालांकि, ब्लीडिंग खत्म होने के बाद पीएमएस के लक्षण अपने आप कम होने लगते हैं।
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Period Pen : पीरियड में अत्यधिक दर्द का क्या कारन क्या है और कब डॉक्टर से मिलाना चाहिए
हाँ पीरियड में होने वाला दर्द आमतौर पर पेट में हल्के दर्द से लेकर दर्दभरे क्रैम्प तक होता है, आपकी दर्द को सहने की क्षमता से ही काफी हद तक यह तय किया जा सकता है कि आप पीरियड में होने वाला दर्द को कैसे अनुभव करते हैं। तो फिर, आप कैसे निर्धारित करते हैं कि आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए या नहीं? नीचे दिए गए संकेतों से सावधान रहें।
- जब कोई घरेलू उपाय कारगर न हो।
- दर्द की दवा से कोई आराम न मिले।
- अगर दो से तीन महीनोंज तक लगातार आपको पीरियड के दौरान ज़्यादा ब्लीडिंग होती है और क्रैम्प भी बढ़ते हैं।
- जब आप पीरियड्स में नहीं होते हैं तब भी आपको क्रैम्प का अनुभव होता है।
- पीरियड्स में दर्द आपके शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे कमर, जांघों, घुटनों और पीठ के निचले हिस्से में होने लगता है।
- आपको क्रैम्प के साथ बुखार भी रहता है।
- अपने वयस्क जीवन में अगर आप पहली बार इतने ज़्यादा मेंस्ट्रुअल क्रैम्प का अनुभव कर रही हैं।