तुलसी की खेती से किसानों की सोई किस्मत जाग जाएंगी,बस जानें इसे करने का तरीका
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तुलसी की खेती से किसानों की सोई किस्मत जाग जाएंगी
तुलसी की खेती से किसानों की सोई किस्मत जाग जाएंगी तुलसी की खेती में आप कम लागत में कमा सकते है अधिक फ़ायदा,जानिए कैसे,केंद्र सरकार इस समय देशभर में जो पौधे दवा बनाने में काम आते है पौधों की खेती को बढ़ावा दे रही है.भारत सरकार ने पौधों को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, तुलसी भी उन्हीं पौधों में से एक है.बहुत से किसान आजकल परंपरागत खेती से अलग हटकर आयुर्वेद में काम आने वाले पौधे की खेती कर रहे हैं.अगर आप भी औषधीय पौधों की खेती कर कम पूंजी से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आपको तुलसी की खेती करने पर ध्यान देना चाहिए. तुलसी की खेती शुरु करने के लिए आपको बहुत अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.
तुलसी की खेती से किसानों की सोई किस्मत जाग जाएंगी,बस जानें इसे करने का तरीका
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तुलसी की खेती करने का तरीका
झंडु, डाबर, पतंजलि, वैद्यनाथ व हमदर्द जैसी औषधि कंपनियां तुलसी की पतियों को खरीदती है एक एकड़ तुलसी की फसल पैदा करने में 5000 रुपये का खर्च आता है. एक एकड़ तुलसी की फसल से 36,000 रुपये की बचत एक फसल में हो जाती है, जबकि साल में तुलसी की तीन फसल पैदा की जा सकती है.केंद्र सरकार अपने कई स्कीम के जरिए देश में औषधीय पौधे की खेती को बढ़ावा दे रही है आप भी उसका लाभ उठा सकते हैं. आप कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए भी Tulsi की खेती की शुरुआत करना कहते है तो ये भी आप कर सकते है आपको Tulsi की खेती के लिए महज कुछ ही रुपये खर्च करने की जरूरत है. बुआई के 3 महीने बाद ही तुलसी की फसल औसतन 3 लाख रुपये में बिक जाती है. आयुर्वेदिक दवा मार्केट में मौजूद झंडु, डाबर, वैद्यनाथ, पतंजलि आदि कंपनियां तुलसी की खेती कॉन्ट्रैक्ट बेस पर भी पर भी करा रही हैं.
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तुलसी की खेती कैसे करें
एक एकड़ खेत में तुलसी की खेती करने के लिए अलग से 600 ग्राम बीज डालकर पौध तैयार की जाती है. तुलसी की पौध तैयार करने का सही समय अप्रैल का पहला सप्ताह है. करीब 15-20 दिन में Tulsi की पौध तैयार हो जाती है. मानसूनी तुलसी की पौध जून-जुलाई में तैयार की जाती है. Tulsi की पौध तैयार होने के बाद नर्सरी से निकालकर खेत में लाइन में अच्छे से लग दी जाती है।
तुलसी के दो पौधे में दूरी
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तुलसी के पौध की रोपाई के समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पौधे से पौधे की दूरी 12-15 इंच व लाइन से लाइन की दूरी 15-18 इंच हो. तुलसी की फसल में महीने में दो से तीन सिंचाई पर्याप्त होती है. तुलसी की फसल में कोई बीमारी नहीं लगती, ना ही किसी कीड़े का प्रकोप होता है. तुलसी के पौधे को बढ़ाने के लिए खाद के रूप में केवल गोबर की खाद का ही प्रयोग किया जाता है.