July 27, 2024

Unique School:  एक ऐसा अनोखा स्कूल जहा बच्चे घंटी बजते ही जंगल की ओर भागते है 

Unique School:  एक ऐसा अनोखा स्कूल जहा बच्चे घंटी बजते ही जंगल की ओर भागते है 

Unique School:  एक ऐसा अनोखा स्कूल जहा बच्चे घंटी बजते ही जंगल की ओर भागते है 

Unique School: छत्तीसगढ़ में एक अनोखा स्कूल देखने को मिला है। जहां स्कूल की घंटी बजते ही बच्चे घर की और नहीं बल्कि जंगल की और भारते हैं। जी हां, आपने सही सुनी है। रायपुर से 109 किलोमीटर दूर महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक में पहाड़ियों के नीचे बसा है कसेकेरा गांव।

Unique School:  एक ऐसा अनोखा स्कूल जहा बच्चे घंटी बजते ही जंगल की ओर भागते है 

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शनिवार दोपहर 1 बजे स्कूल की घंटी बजते ही बच्चे क्लास रूम से दौड़ते हुए बाहर निकले और खेलते-कूदते जंगल की ओर भागने लगे। ऐसा लग रहा था, मानो स्कूल की छुट्टी हो गई हो और बच्चे खेलने जा रहे हों। लेकिन ऐसा नहीं था, ये बच्चे अपनी रेगुलर क्लास के बाद प्रकृति को जानने के लिए जा रहे थे, क्योंकि स्कूल की क्लास के बाद अब उनकी पढ़ाई जंगल में पेड़-पौधे, पहाड़, नदी-तालाब के बीच होनी थी।

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दो साल पहले शाला विकास समिति में बच्चों को नेचर से जोड़कर पढ़ाने के लिए हेड मास्टर ने प्रस्ताव रखा था। इसके बाद से बच्चों की स्किल और परफॉर्मेंस दोनों में सुधार आया है। बच्चों ने पिछले साल राज्य स्तरीय इंको क्लब प्रतियोगिता में 50 हजार के कैश प्राइज भी जीते थे।

Unique School:  एक ऐसा अनोखा स्कूल जहा बच्चे घंटी बजते ही जंगल की ओर भागते है 

Unique School: बच्चों को मैथ्स, साइंस, एग्रीकल्चर, आयुर्वेद और औषधीय ज्ञान भी जंगल से मिल रहा है। मैथ्स में पढ़ाए जाने वाले टॉपिक ढलान पानी की रफ्तार, रोकना, क्षेत्रफल, गुणा-भाग को पौधों और पहाड़ के माध्यम से समझाया जाता है। साइंस में फिजिक्स के टॉपिक संतुलन, केमेस्ट्री में पत्तियों के रस का उपयोग, उनसे इलाज, औषधीय व दूसरे पेड़-पौधों की पहचान और उनका उपयोग, छाल का प्रिंट निकालकर आयु की गणना, गुण और व्यवहार का पता लगाना जैसे सभी प्रैक्टिकल काम यहां किए जाते हैं।

वहीं जीव विज्ञान में नदी-तालाब में मिलने वाले जीव-जंतुओं को पहचान के बारे में बताया जाता है। बच्चे पौधरोपण के लिए निदाई, गुड़ाई और देखरेख भी सीखते हैं। कई देशों में ‘एन्वायरो स्कूल’ पॉपुलर हो रहे हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और इंपीरियल कॉलेज की एक स्टडी के अनुसार, प्रकृति के करीब रहना सेहत के लिए अच्छा होता है। इससे भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याएं भी नहीं होती। जो बच्चे हरियाली के बीच रहते हैं, उनका बौद्धिक विकास भी अच्छा होता है।

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