हाथ में कितनी बार लपेटना चाहिए कलावा,देखिए इसका कारण और महत्व
हाथ में कितनी बार लपेटना चाहिए कलावा: संतान यानि हिंदू धर्म में पूजा पाठ या फिर मांगलिक कार्य में कलावा का प्रयोग जरूर किया जाता है। कलावा बांधने का धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी है कलावा को देवी देवताओं को अर्पित करने के साथ ही हाथ में भी रक्षा सूत्र के रूप में बांधा जाता है। माना जाता है की रक्षा सूत्र को हाथ में बांधने से बुरी बालो से बचाव होता है। इसके साथ ही कलावा बांधने वालों पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है।
हाथ में कितनी बार लपेटना चाहिए कलावा,देखिए इसका कारण और महत्व
हालांकि इसका लाभ आपको तभी मिलेगा जब इसको बांधने का सही नियम आप फॉलो करेंगे। बता दे कि शास्त्रों में कलावा धारण करने और उतरने की कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति कई समस्याओं से बच सकता है। इसे बांधने से त्रिदेवों की साथ तीनों देवियों मां लक्ष्मी पार्वती और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे आप जो भी कार्य करने जा रहे हैं वह बिना किसी बाधा क पूर्ण होता है।
हाथ में कितनी बार लपेटना चाहिए कलावा,देखिए इसका कारण और महत्व
कलावा हाथ में कितनी बार लपेटना चाहिए
हाथ के चारों ओर कलावा लपेटने की प्रथा (जिसे “मौली” या “लाल धागा” भी कहा जाता है) हिंदू धर्म में एक सामान्य सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है। हाथ में कलावा लपेटने की संख्या क्षेत्रीय रीति-रिवाजों, व्यक्तिगत मान्यताओं और कुछ विशेष मान्यताओं के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। इसके लिए हिन्दू शास्त्रों में कोई निश्चित नियम नहीं है, और अलग-अलग व्यक्ति या समुदाय अलग-अलग परंपराओं का पालन कर सकते हैं।
कुछ लोग कलावा को कलाई के चारों ओर एक विशिष्ट संख्या में लपेट सकते हैं, जैसे तीन, पांच, सात या नौ बार। ये अंक अक्सर हिंदू धर्म में सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखते हैं।
तीन बार: तीन बार लपेटकर इसे पहनना तीन प्राथमिक हिंदू देवताओं को दर्शाता है- ब्रह्मा, विष्णु और शिव।
पांच बार: पांच बार कलावा या मौली को पहनना पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश।
सात बार: अन्य प्रतीकात्मक अर्थों के अलावा सात बार कलावा को हाथों में दोहराकर पहनना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह सात चक्रों या इंद्रधनुष के सात रंगों को दर्शाता है।
नौ बार: नौ बार कलावा को हाथों में लपेटना शुभ माना जाता है और यह विभिन्न हिंदू अनुष्ठानों और परंपराओं से जुड़ा है। साथ ही यह हिन्दू पंचांग के नौ गृह को दर्शता है।
कलावा पहनने के फायदे
यह हमारी बुरे समय में रक्षा करता है और इससे घर में सुख समृद्धि भी बनी रहती है। कलावा बांधने से व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। यह हमारे शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण कलाई में होता है इसलिए मौली धागा एक तरह से बेहतर प्रेशर की तरह काम करता है। जो हृदय रोग, मधुमेह, लकवा जैसे रोगों से सुरक्षा करता है। कलावा को हमेशा किसी योग्य कर्मकांडी ब्राह्मण या अपने से बड़े व्यक्ति से बंधवाना चाहिए। ऐसा करने से आपके साथ होने वाली अनहोनी से बचा जा सकता है। पुरुष को कलावा हमेशा अपने दाएं हाथ में और स्त्री को अपने बाएं हाथ में बंधवाना चाहिए।