Independence Day 2023 प्रधानमंत्री मोदी ने 10वीं बार लाल किले से देश को किया संबोधित, जानें इनके संबोधन की कुछ बातें
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Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी श्रमिकों से लेकर भारत की बढ़ती अर्थव्यस्था को लेकर विस्तार से चर्चा की।
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प्रधानमंत्री मोदी ने 10वीं बार लाल किले से देश को किया संबोधित,
![स्वतंत्रता दिवस 2022: लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने की दिल की बात, पूरा भाषण यहां सुनें | Pm Narendra Modi Independence Day Azadi Amrit Mahotsav National Flag Made in](https://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2022/08/narendra-modi-4.jpg?w=1200)
77th Independence Day PM Modi Speech: भारत आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के रंग में रंगा हुआ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और अब राष्ट्र को संबोधित किया। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत वासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई के साथ की है।
साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, बलिदान और त्याग देने वालों के नमन किया। उन्होंने कहा ‘मैं भारत की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को नमन और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’ इसे साथ ही प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में समाज के चौहमुंखी विकास का संकल्प एक बार फिर दोहराया। उन्होंने अपने संबोधन में श्रमिकों से लेकर देश की बढ़ती अर्थव्यस्था का भी जिक्र किया।अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मोदी ने मणिपुर की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में हिंसा की घटनाए सामने आई थीं, जिसमें मां बेटियों का सम्मान भंग हुआ था। हालांकि, अब वहां पर शांति की स्थिति बन रही है और समस्याओं का समाधान शांति से ही निकलेगा।77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी सफेद कुर्ता और चूड़ीदार चूरीदार के साथ बहुरंगी राजस्थानी बांधनी प्रिंट का साफा पहने हुए थे।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक कविता भी सुनाई
‘चलता चलाता कालचक्र, अमृत काल का भालचक्र
सबके सपने अपने सपने, पनपे सपने सारे
धीर चले वीर चले, चले युवा हमारे
नीति सही, रीति नई, गति सही राह नई
चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
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- मणिपुर में शांति की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हिंसा की चर्चा करते हुए कहा कि मणिपुर में जो घटनाएं हुए उसमें मां बेटियों के सम्मान का अपमान हुआ था। हालांकि, अब वहां पर शांति की स्थिति सुधार रही है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान शांति के माध्यम से ही संभव हो सकेगा। केंद्र और राज्य सरकारें समाधान की दिशा में सहायता कर रही हैं।
- भ्रष्टाचार के राक्षस को रोका, मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और इस क्षेत्र में उनके प्रयास जारी रहेंगे। साथ ही, उन्होंने कहा कि विश्व के मुकाबले भारत में महंगाई दर कम है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है और इसका श्रेय 140 करोड़ भारतीयों के प्रयासों को जाता है। उन्होंने यह भी जताया कि भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में लिया था, लेकिन उनकी सरकार ने उसे रोककर मजबूत अर्थव्यवस्था की स्थापना की है।
- 2047 में भारत का विकसित राष्ट्र बनना हमारा लक्ष्य है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे ने कहा कि आज हमारे पास जन सांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है। देश के पास एक बार फिर स्वर्णिम भविष्य की नींव रखने का सुनहरा मौका है, और यह उस समय के लिए निर्णय की नींव हो सकता है जो आज लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2047 में, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तो भारत का झंडा विकसित भारत का झंडा होना चाहिए। इसके लिए हमें शूचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता को महत्व देना होगा। यह हमारा सामूहिक कर्तव्य होगा। प्रधानमंत्री ने पिछले 75 वर्षों के इतिहास के आधार पर दिखाया कि भारत की सामर्थ्य की आधारित होकर 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बन सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ बाधाएं हो सकती हैं जिन्हें हमें सामना करना होगा।
- जी-20 सम्मेलन से प्रकट हुई भारत की विविधता
77वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के माध्यम से बदल रहा है। भारत की क्षमता और संभावनाएं नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही हैं। आज भारत को G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का मौका प्राप्त हुआ है।
- भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही
प्रधानमंत्री ने उत्कृष्टता का अनुसरण करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप एक नई विश्व व्यवस्था का निर्माण हो रहा है, जिसमें भू-राजनीति की परिभाषा भी बदल रही है। उन्होंने यह भी दिखाया कि भारतीय जनता की सामर्थ्य को मद्देनजर रखते हुए नई व्यवस्था को आकार देने का समय आ गया है।
- आगामी महीने से शुरू होगी विश्वकर्मा योजना
पीएम मोदी ने देश में पारंपरिक कौशल के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से अगले महीन ‘विश्वकर्मा योजना’ की शुरुआत करने का भी ऐलान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विश्वकर्मा योजना’ की शुरुआत 15000 करोड़ रुपये से की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत छोटे व्यवसाय और कारीगरी से जुड़े लोगों की आर्थिक मदद की जाएगी।
- लखपति योजना की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि देश की 2 करोड़ ग्रामीण महिलाएं लखपति बनें। इसके लिए, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को ड्रोन पायलट बनाने की प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ‘लखपति दीदी’ योजना को तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि दुनिया में सबसे अधिक महिला पायलट हमारे देश में हैं।
- नए आवास की योजना और ग्रामीण विकास
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण विकास के संदर्भ में कहा कि उन्होंने भारतीय सीमा क्षेत्र में ‘वाइब्रेंट बॉर्डर गांव’ को देश के आखिरी गांव कहा जाता था, लेकिन वे इस मानसिकता को बदल दिया है। उन्होंने दर्शाया कि यह गांव अब देश का आखिरी गांव नहीं है, बल्कि यह उनके देश का पहला गांव है। प्रधानमंत्री ने खुशी जताई कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं, जिन्होंने इस समारोह का हिस्सा बनने के लिए लालकिले पर आगंतुक बनाया है।
- महिलाओं के नेतृत्व से विकास की दिशा में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि विकसित भारत के दिशा-निर्देश के रूप में महिला नेतृत्व का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने गर्व से बताया कि आज भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सबसे अधिक पायलट महिलाएं हैं। चंद्रयान मिशन में भी महिला वैज्ञानिक नेतृत्व कर रही हैं। जी20 देश भी महिला नेतृत्व के महत्व को मान रहे हैं।
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10.भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता
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पीएम ने बताया कि विकसित भारत के संकल्प को हासिल करने के लिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता है। हमें परिवारवाद के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता है और हमें तुष्टीकरण के खिलाफ भी लड़ना होगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह लोकतंत्र में कैसे संभव हो सकता है कि एक ही परिवार के लोग या परिवारवादी पार्टी सत्ता में दृढ़ता से काबिज रहें।