तरबूज की खेती कर कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा,जानिए इसकी खेती के बारे में पूरी जानकारी
तरबूज की खेती कर कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा आपकी जानकारी के लिए बता दे की पूरे देश में रबी फसल की कटाई का काम चल रहा है। मार्च तक कटाई का काम पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद खेत पूरी तरह से खाली हो जाएंगे। ऐसे में आप तरबूज की खेती करकेे अच्छा-खासी कमाई कर सकते हैं। तरबूज की खेती की सबसे खास बात ये हैं इसे कम पानी, कम खाद और कम लागत में उगाया जा सकता है। वहीं बाजार में इसकी मांग होने से इसके भाव अच्छे मिलते हैं। तो चलिए जानते है तरबूज की खेती करने के बारे में।
तरबूज की खेती कर कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा,जानिए इसकी खेती के बारे में पूरी जानकारी
तरबूज की खेती के लिए सही मिटटी
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस फसल के लिए मध्यम काली जल निकासी वाली मिट्टी सबसे सही मानी जाती है। और मिट्टी का स्तर 5.5 से 7 तक उचित होता है। तरबूज की फसल को गर्म और शुष्क मौसम और भरपूर धूप की आवश्यकता होती है. 24 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त होता है।
खेती की बुवाई का सही समय
आपकी जानकारी के लिए बता दे की तरबूज की खेती के लिए अलग-अलग क्षेत्रो में अलग होता है जैसे की उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में तरबूज़ की बुआई फरवरी-मार्च में की जाती है।लेकिन उत्तर पूर्वी और पश्चिमी भारत में बुआई का सबसे अच्छा समय नवंबर से जनवरी के दौरान होता है. महाराष्ट्र में इसकी खेती दिसंबर से जनवरी महीने में बोई जाती है।
तरबूज की उन्नत किस्में
आपकी जानकारी के लिए बता दे की तरबूज की कई उन्नत किस्में होती हैं,जो कम समय में फल तैयार हो जाती है और उत्पादन भी अच्छा मिलता हैं. इन किस्मों में प्रमुख किस्मेें शुगर बेबी, अर्का ज्योति,पूसा बेदाना मुख्य किस्मे है।
तरबूज की खेती के लिए खेत की तैयारी
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इसकी खेती करने ले लिए सबसे पहले खेत में जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए। इसके बाद देसी हल या कल्टीवेटर से जुताई करना होता है।इस बात का ध्यान रखे कि खेत में पानी की मात्रा कम या ज्यादा नहीं होती है। उसके बाद भूमि में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिला दें। यदि रेत की मात्रा अधिक है,तो ऊपरी सतह को हटाकर नीचे की मिट्टी में खाद मिला दे।
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उर्वरक और पानी का सही उपयोग
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इसकी खेती के लिए 50 किलो एन,50 किलो पी और 50 किलो के रोपण से पहले और 1 किलो रोपण के बाद दूसरे सप्ताह में 50 किलो एन देना चाहिए। और बेल की वृद्धि के दौरान 5 से 7 दिनों के अंतराल पर और फलने के बाद 8 से 10 दिनों के अंतराल पर फसल की सिंचाई करें। गर्मी के मौसम में तरबूज को आमतौर पर 15-17 पारियों की आवश्यकता होती है।
तरबूज की खेती में कितना होगा मुनाफा
तरबूज की खेती कर कम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा,जानिए इसकी खेती के बारे में पूरी जानकारी
अगर हम इसककी खेती के मुनाफे के बारे में बात करे तो बता दे की मार्केट में इसके बीज 10000 रुपए प्रति क्विंटल से आसानी से बिक जाता है। तो 35 क्विंटल बीज उत्पादन पर 350000 रुपए और इसमें से खर्चा- 16500 रुपए हटा दें तो भी आप इससे 3,33500 रुपए का तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।