Saturday, December 9, 2023
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उदयपुर में है मां मनसा देवी का मंदिर,यहां पहाड़ चीर कर प्रगट हुईं थी माता

उदयपुर में है मां मनसा देवी का मंदिर, हिंदू धर्म में अनेक देवी देवताओं को पूजा जाता हैं जिसमें से एक है मनसा माता. देवी मनसा को भगवान शंकर की पुत्री के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि मां मनसा की शरण में आने वालों का कल्याण होता है. राजस्थान के झुंझुनूं जिले में उदयपुरवाटी से 25 किमी दूर खोह के पहाड़ों में स्थित मनसा माता की शरण में आने वाले भक्त की हर मुराद पूरी होती है. कहते हैं कि वर्षों पहले यहां मां मनसा का स्वरूप पहाड़ को चीरकर निकला था

दयपुर में है मां मनसा देवी का मंदिर,यहां पहाड़ चीर कर प्रगट हुईं थी माता

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उस दौरान पहाड़ों में तेज गर्जना हुई तो, पशु चरा रहे ग्रामीण डर गए. तब मां ने साक्षात प्रकट होकर कहा मैं यहां पर प्रकट हो रही हूं, डरो मत, लेकिन पशुपालक डर गए तो मां मनसा उनका ध्यान रखते हुए अंगुली के आकार जितने स्वरूप में ही प्रकट हुई. तब से यहां अंगुली के आकार की मूर्ति की पूजा अर्चना की जाती है

उदयपुर में है मां मनसा देवी का मंदिर,यहां पहाड़ चीर कर प्रगट हुईं थी माता

खोह मनसा माता पीठ उदयपुरवाटी से 25 किमी दूर खोह की पहाड़ियों में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए उदयपुरवाटी व गुढा से निजी बस सेवा उपलब्ध है. उदयपुरवाटी कस्बा सीकर, नीमकाथाना, कोटपुतली स्टेट हाइवे पर स्थित है. यह मार्ग जयपुर से भी सीधा जुड़ा हुआ है. झुंझुनूं से भी गुढ़ागौड़जी के गुड़ा होते हुए पहुंचा जा सकता है. पहाड़ में सरल व घुमावदार रहस्यमयी चढ़ाई चढ़ते हुए थकान का अहसास भी नहीं होता है और आप माता के दरबार पहुँच जाते हैं

दाल चूरमा का लगाया जाता है भोग

मंदिर में मां को दाल चूरमे का भोग लगाया जाता है. यहां पर मां का प्रसाद बनाने का पूरा साजो सामान उपलब्ध है. लोग अपनी मुराद पूरी होने पर यहां आकर दाल-चूरमे का भोग लगाते हैं. यहां बहने वाले झरने का पानी ही प्रसाद बनाने के काम में लिया जाता है. यहां दो विशाल बांधों का निर्माण कराया गया है, इनसे साल भर पीने का पानी काम में लिया जाता है. मंदिर के गर्भ गृह के पास लान्कड़ बाबा (भेरू बाबा) का मंदिर भी है. कहते हैं कि इनके दर्शन के बिना मां के दर्शन का आशीर्वाद नहीं मिलता. इसलिए यहां आने वाले सभी श्रद्धालु बाबा लान्कड़ के मंदिर में भी अनिवार्य रूप से जाते ही हैं.

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